पिछले दो दिनों से मैं
देख रहा हूँ कि हर जगह दीवाली की शुभकामनाओं का सिलसिला अनवरत रूप से चल रहा है।
हर कोई अपने परिचित को दीवाली की शुभकामनायें देने में मशगुल है, होना भी चाहिए, क्योंकि किसी के प्रति अपनापन
प्रकट करने के यही तो अवसर होते हैं। मेले और त्यौहार एक स्वस्थ समाज को दिशा देने
में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
मुझे भी काफी सन्देश
प्राप्त हुए, और मैंने भी
हरेक सन्देश को काफी चाव से पढ़कर ख़ुशी जाहिर की। परन्तु फिर मैंने थोड़ी सी
विश्लेषण की मुद्रा अपनाते हुए शुभकामनाओं के बारे में सोचना शुरू किया। फिर ऐसे लगा कि जिस शब्द का
प्रयोग हम लगभग प्रत्येक शुभ अवसर पर करते हैं, क्या वास्तविकता में हम ऐसा शुभ
सोच पाते हैं या नहीं? काफी माथापच्ची करने के बाद मेरे
सामने कुछ निष्कर्ष निकल आये। उन निष्कर्षों ने मुझे झिंझोड़ कर रख दिया, फिर वास्तविकता का एहसास हुआ कि शुभकामना आखिर होती क्या है?
वैसे शुभ सोचना, कहना और करना कोई बुरी बात नहीं है। पर हम ऐसा
कर ही कितना पाते हैं। हम शुभ सोच ही कितना पाते हैं? यह
बात भी सच है कि हमारी जिन्दगी में हमारी सोच का बहुत महत्व है, हमारे कर्म से कहीं बढ़कर। क्योंकि हमारा कर्म हमारी सोच पर आधारित होता
है। इसलिए जिन्दगी में सोच कि महता बहुत है। किसी भी कार्य को करने से पहले उसके
बारे में एक स्वस्थ सोच रखना अनिवार्य है। क्या शुभकामना के विषय में हम ऐसा कर
पाते हैं या नहीं? किसी बच्चे के जन्मदिन पर हम उसे
क्या उपहार दे सकते हैं (शायद सोच
के उपहार के बारे में नहीं सोचा होगा किसी ने, कि किसी बच्चे के जन्मदिन के उपलक्ष पर उसे
सोच का उपहार भी दिया जा सकता है) हम उसे उपहार देते हैं खिलोने, या जो कुछ हमारे पास उपलब्ध होता उसे भेंट कर देते हैं। इसके साथ ही शुभकामना
के रूप में सिर्फ चंद शब्द ...बस इतना करने के बाद हम अपने फर्ज से इतिश्री समझ
बैठते हैं। दीवाली की शुभकामनाओं के सन्दर्भ में भी यही कुछ होता है, हम से जितना बन पता है (औपचारिकता के नाम पर) उतना हम काफी जोशीले अंदाज
में किसी दूसरे के सामने प्रस्तुत कर देते हैं। शायद उसके बाद हम कभी नहीं सोचते
उस विषय पर, जब तक की कोई ऐसा अवसर हमारे सामने नहीं
आता। बल्कि शुभकामना की आवश्यकता तो हमें जीवन सफ़र के प्रत्येक मोड़ पर पड़ती है, फिर क्यों हम किसी को प्रत्येक दिन शुभकामना नहीं देते?
हर व्यक्ति के जीवन का
प्रत्येक पल शुभकामना से भरा हो, व्यवहारिक जीवन में ऐसा कैसे संभव हो सकता है? इस
प्रश्न पर गहराई से विचार करने की जरुरत है। एक बच्चे को रोज अपने माँ-बाप की
शुभकामनाओं की आवश्यकता होती है, एक दुखी को उसके चाहने वालों की शुभकामनाओं की आवश्यकता होती है, एक समाज को उसे बचाने
वालों की शुभकामनाओं की आवश्यकता होती है, और एक
राष्ट्र को उस पर कुर्बान होने बालों की शुभकामनाओं की आवश्यकता होती है। और जहाँ
पर ऐसा होता है वहां हर रोज ईद होती है, हर रोज होली
होती है, हर रोज दीवाली होती है....।
कुल मिला कर अगर हमारे जहन में शुभकामनाओं का भाव प्रबल रूप से
विद्यमान है तो हमारी शुभकामनायें किसी के जीवन में क्रान्तिकारी परिवर्तन ला सकती
हैं, ऐसा हमें इतिहास में बहुत जगह देखने को मिल
जाता है। आज अगर हम वैश्विक परिदृश्य पर नजर डालते हैं तो हमें कामना करनी चाहिए
कि इस जहान में बसने वाला हर एक बशर एक सुन्दर सोच लेकर अपने जीवन को व्यतीत करे। ताकि इस धरती पर रहने वाला हर प्राणी पूरी सुख
और शान्ति से रह सके। दिवाली के इस उपलक्ष
पर हम भी ऐसा संकल्प (दीये कि भांति) करें कि हम खुद जलकर दूसरों की राह आलोकित कर
सके। यही शुभकामना है। इसी शुभकामना के साथ आप सबको दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें।
Bahut sunder bhav.... aur prabhavi vichar....
जवाब देंहटाएंदीप पर्व की हार्दिक शु्भकामनाएं
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंचिरागों से चिरागों में रोशनी भर दो,
हरेक के जीवन में हंसी-ख़ुशी भर दो।
अबके दीवाली पर हो रौशन जहां सारा
प्रेम-सद्भाव से सबकी ज़िन्दगी भर दो॥
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
सादर,
मनोज कुमार
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
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जवाब देंहटाएंदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
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HAPPY DIWALI :)
जवाब देंहटाएंअब भाई दूज की शुभकामनाएं और बधाई।
जवाब देंहटाएंयही तो खूबी है हमारी संस्कृति और परंपराओं में। एक दूसरे से मिलते रहने के अवसर हम ढूंढते रहते हैं।
बहुत सुन्दर विचार ...दीपावली की हार्दिक शुभ कामनायें...
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार को दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया।
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिखा है आपने..अगर शुभकामनाएँ दिल से दी जाए तो ज़रूर रंग लाती है...बढ़िया प्रस्तुति के लिए बधाई
जवाब देंहटाएंbahoot achchhi prastuti.... ati uttam vichar.
जवाब देंहटाएंसुन्दर पोस्ट!
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा विश्लेषण शुभकामनाओं को समझने का अवसर मिला .....!
जवाब देंहटाएंदीपोत्सव पर्व के अवसर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ....
जवाब देंहटाएंआपकी सोच सच में बहुत अच्छी ,अनोखी ,अद्भुत है.इसे यूँ ही बरकरार रखना .शुभकामनाओ सहित रानी . :)
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