अब मुझे और प्यार नहीं होता
अब तेरा इन्तजार नहीं होता
तन्हा रहा हूँ बहुत वक़्त मगर
तन्हाई का पल यादगार नहीं होता
बिछुड़ने के बाद, यार -यार नहीं होता
कभी तन्हाई में हुई जो बातें तुमसे
बातें- बातें हैं , बातों का संसार नहीं होता
मुहब्बत भावना ही कुछ ऐसी है
मुहब्बत भावना ही कुछ ऐसी है
तेजधार तो है , मगर हथियार नहीं होता
केवल खुदी को मिटा के, पाया है तुझे
तुम्हारे मिटने से तो, मेरा संसार नहीं होता
कविता नहीं भावों का आवेग...
जवाब देंहटाएंकेवल खुदी को मिटा के, पाया है तुझे
जवाब देंहटाएंतुम्हारे मिटने से तो, मेरा संसार नहीं होता
pyar ka anootha ahsas,sach!pyar ka
doosara naam hi jeevan hai..hum
sabhipyar ki anubhuti chahte
hai.chahe wah jis bhi roop me
ho..maan, bhai,bahan,patni,ya
jeevan saathi ke roop me.lekin sab
sadhan sulab pushp-shaiya bhi pyar
ke ahsas ke bina kantakakeerna
lagti hai, sundar bhavpoorna
prastuti ke lie aapko badhai
Ramji.
मुहब्बत भावना ही कुछ ऐसी है
जवाब देंहटाएंतेजधार तो है , मगर हथियार नहीं होता
बेहद शानदार दिल को छूती गज़ल्।
वाह ...बहुत बढि़या कहा है आपने ..।
जवाब देंहटाएंवाह भाई एक अच्छी कविता, वो पल भूलाए नहीं भूल सकते हम !
जवाब देंहटाएंवाह, बहुत सुदर
जवाब देंहटाएंतन्हा रहा हूँ बहुत वक़्त मगर
तन्हाई का पल यादगार नहीं होता
बहुत सुन्दर और ख़ूबसूरत एहसास ,अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंमुहब्बत भावना ही कुछ ऐसी है
जवाब देंहटाएंतेजधार तो है , मगर हथियार नहीं होता ... sach hai
गहन भावों को रह रह उभारती कविता।
जवाब देंहटाएंबहुत सुदर ||
जवाब देंहटाएंबातें- बातें हैं , बातों का संसार नहीं होता...
जवाब देंहटाएंसच कहा है सिर्फ बातों से संसार नहीं होता... लेकिन कुछ भी हो प्यार प्यार होता है, यार यार होता है, दिखाई दे ना दे इंतज़ार होता है... बहुत खूबसूरत गज़ल
kewal ji
जवाब देंहटाएंbahut hi shandar prastuti
man ke bhavo ka darpan dikhlati aapki yah rachna waqi kabile tarrif hai.
केवल खुदी को मिटा के, पाया है तुझे
तुम्हारे मिटने से तो, मेरा संसार नहीं होता
ek yatharth kathanv sateek baat
bahut bahut badhi
poonam
इस रचना का तो जवाब नहीं....बहुत ही खूबसूरत
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अहसास को किसी खूबसूरती से एक नज़्म में ढाला है....
जवाब देंहटाएंमुहब्बत भावना ही कुछ ऐसी है
जवाब देंहटाएंतेजधार तो है , मगर हथियार नहीं होता
बहुत सुंदर और गहरे भाव.
रामराम.
अब मुझे और प्यार नहीं होता
जवाब देंहटाएंअब तेरा इन्तजार नहीं होता.. acchi rachna...
Beautiful and heart touching.
जवाब देंहटाएंजीने मरने की कसमें खाई हमने
जवाब देंहटाएंबिछुड़ने के बाद, यार -यार नहीं होता
Bahut tej hei ..gazal rupi talavaar mai .
sunder bhavon se saji gazal
जवाब देंहटाएंrachana
मुहब्बत भावना ही कुछ ऐसी है
जवाब देंहटाएंतेजधार तो है , मगर हथियार नहीं होता
बहुत भावपूर्ण रचना
बहुत हुयी तन्हाई नेक काम करना चाहिए
जवाब देंहटाएंतन्हाई को छोड़ के अब घर बसाना चाहिए
भरे पुरे घर आँगन में मुहब्बत का बसेरा हो
शीतल छाँव हो दरख्त ऐसा लगाना चाहिए....:)
मुहब्बत भावना ही कुछ ऐसी है
जवाब देंहटाएंतेजधार तो है , मगर हथियार नहीं होता
wah ...Bahut hi Sunder..
सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंतन्हा रहा हूँ बहुत वक़्त मगर
जवाब देंहटाएंतन्हाई का पल यादगार नहीं होता
....बहुत सुन्दर मर्मस्पर्शी प्रस्तुति...
केवल खुदी को मिटा के, पाया है तुझे
जवाब देंहटाएंतुम्हारे मिटने से तो, मेरा संसार नहीं होता
तखल्लुस का बेहतरीन प्रयोग.....
क्षमा केवल राम जी... अच्छॆ भाव पर गज़ल के प्रेम में फिट नहीं हो पाए॥
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर एहसास.....
जवाब देंहटाएंसादर...
सीधे सादे सरल शब्दों में भावों को अभिव्यक्त कर अपनी सादगी का परिचय दिया है.
जवाब देंहटाएंसादगी मन भाई.
बहुत सुन्दर --
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति |
बधाई |
जीने मरने की कसमें खाई हमने
जवाब देंहटाएंबिछुड़ने के बाद, यार -यार नहीं होता
शानदार प्रस्तुति केवल रामजी...वधाई
मुहब्बत भावना ही कुछ ऐसी है
जवाब देंहटाएंतेजधार तो है , मगर हथियार नहीं होता
बहुत अच्छा प्रयोग। इस रचना के भाव बहुत अच्छे लगे।
अब मुझे और प्यार नहीं होता
जवाब देंहटाएंअब तेरा इन्तजार नहीं होता
अजी नहीं होता तो उठा लाइए न ......
:))
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएं"जीने मरने की कसमें खाई हमने
जवाब देंहटाएंबिछुड़ने के बाद,यार-यार नहीं होता "
खूबसूरत गज़ल....
"कसमें खा के भी जो बीच रस्ते में छोड़ जाए
ऐसा शख्स कभी किसी का यार नहीं होता !!"
तन्हा रहा हूँ बहुत वक़्त मगर
जवाब देंहटाएंतन्हाई का पल यादगार नहीं होता ...
bahut pasand aayi aapki yah rachna.
.
बहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण ग़ज़ल! उम्दा प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनायें!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
तन्हा रहा हूँ बहुत वक़्त मगर
जवाब देंहटाएंतन्हाई का पल यादगार नहीं होता ...भावो कि सुन्दर अभिव्यक्ति.....
Bahut achche ...ye post Keval Ram ke hi keypad se nikal sakti thi...:)
जवाब देंहटाएंकोवल रान जी नमस्कार,
जवाब देंहटाएंमुहब्बत के लिए कुछ खास दिल मखसूस होते हैं,
ये वो नगमा है जो हर साज पर बजाया नही जाता।।
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति । धन्यवाद ।
जीने मरने की कसमें खाई हमने
जवाब देंहटाएंबिछुड़ने के बाद, यार -यार नहीं होता
कमाल की भावपूर्ण प्रस्तुति है,केवल भाई.
दिल को छूती हुई.
केवल खुदी को मिटा के, पाया है तुझे
जवाब देंहटाएंतुम्हारे मिटने से तो, मेरा संसार नहीं होता.
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति.
मुहब्बत भावना ही कुछ ऐसी है
जवाब देंहटाएंतेजधार तो है, मगर हथियार नहीं होता
केवल खुदी को मिटा के, पाया है तुझे
तुम्हारे मिटने से तो, मेरा संसार नहीं होता
प्रेम तेज धार तो है, तेजवान भी है।
बहुत बढ़िया ग़ज़ल।
केवल भाई,
जवाब देंहटाएंबहुत खूब लिखा है.
दिल से निकली आवाज़ दिल को छू रही है.
प्रेम से ओत-प्रोत समर्पण!
जवाब देंहटाएंआशीष
--
मैंगो शेक!!!
♥
जवाब देंहटाएंप्रियवर केवल जी
सस्नेहाभिवादन !
मुहब्बत भावना ही कुछ ऐसी है
तेजधार तो है , मगर हथियार नहीं होता
वाह ! बहुत गहरी बात कही है आपने …
अब तेरा इंतज़ार नहीं होता… इस पर हीर जी का सुझाव काबिले-तारीफ़ है :)
आपकी यह रचना मैं पढ़ कर गया था … पता नहीं कमेंट के वक़्त कोई हादसा हुआ होगा … आजकल गूगल की बहुत सारी समस्याएं पेश आ रही हैं :(
आपको सपरिवार
बीते हुए हर पर्व-त्यौंहार सहित
आने वाले सभी उत्सवों-मंगलदिवसों के लिए
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
बहुत भावपूर्ण रचना....
जवाब देंहटाएंबेहतरीन!
जवाब देंहटाएंउम्दा और बेहद ही खूबसूरत रचना |
जवाब देंहटाएंमुहब्बत भावना ही कुछ ऐसी है
जवाब देंहटाएंतेजधार तो है , मगर हथियार नहीं होता
गजल में आपने भावों को बहुत सुन्दरता से संप्रेषित किया है . प्रेम का उत्कृष्ट अनुभूति से जन्मी आपकी यह गजल लाजबाब है .
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंapki ye gazal dillll ko chhu gai mere.
जवाब देंहटाएंase hi umda gazale app post karte rahia. orh ham padhte rahenge. :)
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