जीवन पथ में, मैं अकेला / साथी हो तुम
मंजिल को पाने मैं निकला / साहिल हो तुम
मेरे हृदय में उठती करुणा / आंसू हो तुम
हर शै पर चमकने वाला / सितारा हो तुम .
जीवन और जगत में / चेतना हो तुम
सोच और कल्पना से परे / ऐसा रहस्य हो तुम
सुख और आनंद के बीच / सच्चिदानंद हो तुम
दृश्यमान सत्ता की / वास्तविक सत्ता हो तुम .
लिखता हूँ कविता मैं / भाव हो तुम
संजोता हूँ शब्द मैं / अर्थ हो तुम
क्या कहता हूँ , कैसे कहता हूँ / शैली हो तुम
मेरे अधरों पर अंतिम / ' केवल ' शब्द हो तुम .
Nice
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसुंदर भाव और सुंदर अभिव्यक्ति ....
जवाब देंहटाएंलिखता हूँ कविता मैं / भाव हो तुम
जवाब देंहटाएंसंजोता हूँ शब्द मैं / अर्थ हो तुम
क्या कहता हूँ , कैसे कहता हूँ / शैली हो तुम
मेरे अधरों पर अंतिम / ' केवल ' शब्द हो तुम .
वाह ... बहुत खूब
वाह...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर.....
अनु
अहा! अद्भुत भाव..शाश्वत सत्य..
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूब... कण-कण में हो तुम, हर तरफ बस तुम हो तुम...अति सुन्दर भाव ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंआध्यात्मिक लेखन :)
जवाब देंहटाएंतुम कौन
जवाब देंहटाएंलिखता हूँ कविता मैं / भाव हो तुम
जवाब देंहटाएंसंजोता हूँ शब्द मैं / अर्थ हो तुम.
बहुत सुंदर.
सुन्दर शब्दों में एक अति सुन्दर रचना। आभार ।
जवाब देंहटाएंलिखता हूँ कविता मैं / भाव हो तुम
जवाब देंहटाएंसंजोता हूँ शब्द मैं / अर्थ हो तुम
क्या कहता हूँ , कैसे कहता हूँ / शैली हो तुम
मेरे अधरों पर अंतिम / ' केवल ' शब्द हो तुम ...bhaut hi khubsurat shabdo me bhaavo ko sajaya hai aapne.....
जीवन पथ में, मैं अकेला / साथी हो तुम
मंजिल को पाने मैं निकला / साहिल हो तुम
मेरे हृदय में उठती करुणा / आंसू हो तुम
हर शै पर चमकने वाला / सितारा हो तुम .
जीवन और जगत में / चेतना हो तुम
सुंदर प्रविष्टि !
सुंदर शब्दों से सजे सुंदर भाव !
वाऽह ! वाऽह !
केवल राम जी
… बधाई !
…आपकी लेखनी से सुंदर सार्थक रचनाओं का सृजन ऐसे ही होता रहे …
शुभकामनाओं सहित…
लिखता हूँ कविता मैं / भाव हो तुम
जवाब देंहटाएंसंजोता हूँ शब्द मैं / अर्थ हो तुम
........... बेहद खूबसूरत प्रस्तुति अनुपम भाव संयोजित किये हैं आपने
what a beautiful line..
जवाब देंहटाएंमेरे अधरों पर अंतिम / ' केवल ' शब्द हो तुम
thnx for sharing.......Kewal bhai
@ Sanjay bhaskar
what a beautiful line..
जवाब देंहटाएंमेरे अधरों पर अंतिम / ' केवल ' शब्द हो तुम
thnx for sharing.......Kewal bhai
@ Sanjay bhaskar
बहुत ही सुन्दर कविता भाई केवल राम जी |
जवाब देंहटाएंभाव ना हो तो कविता कहाँ !
जवाब देंहटाएंसुन्दर !
यत्र तत्र सर्वत्र बस तुम ही तुम :)
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