जन्मदिन हर किसी की जिन्दगी का
अहम् दिन होता है. जीवन में चाहे कैसी भी स्थिति हो हम इस अवसर पर खासे रोमांचित
होते हैं और माता-पिता के साथ-साथ ईश्वर को भी धन्यवाद देते हैं. जीवन में
माता-पिता हमारे लिए पूजनीय होते हैं और ईश्वर अराध्य,
माता-पिता साधन होते हैं तो ईश्वर साध्य, माता-पिता
साकार हैं तो ईश्वर निराकार, माता-पिता के बगैर हम जीवन की
कल्पना नहीं कर सकते, तो ईश्वर के बिना जीव की, ईश्वर और माता-पिता के गुणों और कर्मों का सम्बन्ध इतना गहरा है कि उसे एक
दुसरे से अलग करना मुमकिन नहीं. इसलिए भारतीय संस्कृति में माता-पिता को ही ईश्वर
की संज्ञा से अभिहित किया जाता रहा है. जीवन का कोई भी पक्ष हो हर पक्ष का शृंगार
माता-पिता और ईश्वर के माध्यम से ही होता है, हम जीवन में
किसी भी मुकाम तक पहुँच जाएँ लेकिन माता-पिता के लिए हम हमेशा बच्चे ही बने रहते
हैं और इसी कारण हमें उनका प्रेम अनवरत मिलता रहता है और हमारा जीवन धन्य होता
रहता है.
जीवन के विषय में अनेक मत
प्रचलित हैं और अनेक विश्लेषण भी, लेकिन अभी तक
जीवन के विषय में कोई एक सर्वसम्मत मत प्रचलन में हो, ऐसा नहीं है. संसार में जितने भी दर्शन, मत और विचार आये सब जीवन की व्याख्या अपने-अपने तरीके से करते हैं और अभी तक कर रहे हैं, लेकिन कोई किसी निश्चित निष्कर्ष तक नहीं पहुंचता. जैसे हम जीवन के प्रति किसी निश्चित निष्कर्ष तक नहीं पहुँच सके वैसे ही हम ईश्वर के प्रति भी एकरूप दृष्टिकोण नहीं बना पाए और इसीलिए हम जीवन और मृत्य के बीच में जूझते हुए आगे बढ़ रहे हैं. जिसे हम जीवन कह रहे हैं वह तो ठीक है, लेकिन जिसे हम मृत्यु कह रहे हैं वह कहीं एक पक्षीय है. क्योँकि हम जब इस कायनात को देखते हैं तो हम पाते हैं कि यह पूरी सृष्टि पांच तत्वों से बनी हुई है और इस सृष्टि का संचालन-पालन करने वाला ईश्वर है और यह निराकार है, अजर है, अमर है, अविनाशी है, अखंड है तो फिर यह बात स्वाभाविक है कि ईश्वर का अंश जो शरीर में रहता है वह शरीर के न होने पर भी उसी स्थिति में रहता है, और जहाँ तक पांच तत्वों का सवाल है यह भी अपने-अपने मूल में मिलते हैं इसलिए मृत्यु का कोई प्रश्न ही पैदा नहीं होता. अब यह एक कपोल कल्पना जैसा है कि मृत्यु के बाद जीवन समाप्त हो जाता है, हाँ यह बात तो सच है कि जिस रूप में यह हमारे सामने होता है, वह रूप मिटता जरुर है, लेकिन वह ही कहीं नव जीवन का आधार बनता है, इसलिए जितना सकारात्मक दृष्टिकोण हम जीवन के प्रति रखते हैं उतना ही सकारात्मक दृष्टिकोण हमें इसके न होने पर भी रखना चाहिए. जब तक जीवन है तब तक हम पूरे संसार के प्रति सकारात्मक बने रहें और यह तब ही हो सकता है जब हम जीवन की वास्तविकता को समझते हों.
वर्तमान परिवेश को जब हम गहराई
से विश्लेषित करते हैं तो हम पाते हैं कि जीवन के प्रति अनेक प्रकार के विरोधाभास
प्रचलित हैं और यही हमारे बीच विरोध का कारण हैं. इन्ही विरोधों के कारण हम एक
दुसरे को भिन्न समझते हैं और यहीं से क्रम शुरू होता है मनुष्य का मनुष्य के प्रति
वैर भाव का और यही वैर भाव हमें गहन अन्धकार की तरफ ले जाता है और हम इतने क्रूर
होते हैं कि हम मनुष्य को मनुष्य समझते ही नहीं और इस हद तक गिर जाते हैं कि हम
उसके शरीर से प्राणों तक को जुदा करते हैं. फिर ऐसी स्थिति में न तो हमारे जीवन का
कोई लाभ है और न ही जन्मदिन की कोई महता. हम जन्मदिन मनाएं एक उत्सव की तरह और
जीवन जिएँ एक महोत्सव की तरह तो जीवन और जन्मदिन दोनों की महता बनी रहेगी.....इस
ख़ास अवसर पर शुभकामनाओं के लिए आप सबका तहे दिल से शुक्रिया.
जितना सकारात्मक दृष्टिकोण हम जीवन के प्रति रखते हैं उतना ही सकारात्मक दृष्टिकोण हमें इसके न होने पर भी रखना चाहिए.
जवाब देंहटाएं..सही है। सत्य को स्वीकार करना चाहिए।
आपको जन्मदिन की ढेरों शुभकामनायें। आप ऐसे ही विचारशीलता से लिखते रहें।
जवाब देंहटाएंसुंदर विचार ... जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंजन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएँ|
जवाब देंहटाएंकेवल भाई जी |
डॉ अजय ,इलाहाबाद
www.drakyadav.blogspot.in
प्रभावित करता सुंदर आलेख ..!
जवाब देंहटाएंजन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं,,,!
नवरात्रि की शुभकामनाएँ ...!
RECENT POST : अपनी राम कहानी में.
राम ...तुम हर बात का चिंतन बहुत गहराई से करते हो ...पर तुम्हारी उम्र कभी कभी सोचने को मजबूर कर देती है कि इतना ज्ञान और वो भी इती सी उम्र में ...पर हर बार की तरह इस बार भी बेहद खूबसूरत सोच के साथ दिल से सच्चे भावों को पढ़वाने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंकेवल राम जी जन्मदिन पर हार्दिक बधाई ,,
जवाब देंहटाएंभारतीय संस्कृति ने हमे अनमोल रत्न दिये हैं उसी सोच के साथ अप बढ़ रहे हैं धन्यबद।
जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाये ।
जवाब देंहटाएंजन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाये ।
जवाब देंहटाएंजन्मदिवस को लेकर आपका चिंतन विचारणीय हैं..जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएं.......विचारणीय चिंतन केवल भाई जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंआप तक बहुत दिनों के बाद आ सका हूँ