11 नवंबर 2010

अजीब हैं यारो

दीवानों की दासताएँ बड़ी अजीब हैं यारो
दुनियां में कुछ हबीब , कुछ रकीब हैं यारो ।

उनकी जिन्दगी ही होगी सफल इस जहाँ में
जिन्हें उनके चाहने वाले करीब हैं यारो ।

अपनों को भला कौन कहता होगा पराया
मुकम्मल दिल से मिलने वाले , खुशनसीब हैं यारो ।


जिसने पाया अपनी मुशक्कत से हर ख़ुशी को
ऐसे लोगों के फसाने, बड़े अजीब हैं यारो ।

 

सब कुछ होते हुए भी, कुछ ना दे सके किसी को
इस जहाँ में ऐसे लोग , बड़े गरीब हैं यारो ।

बहुतों ने ठुकराया , पर अपनाया जिन्होंने
केवल हम उनके खास अजीज हैं यारो

46 टिप्‍पणियां:

  1. बहुतों ने ठुकराया , पर अपनाया जिन्होंने
    केवल हम उनके खास अजीज हैं यारो


    बहुत खूब!!!!! एक एक बात मुकम्मल लाजवाब मेरे दूसरे ब्लॉग रचना रवीन्द्र कविताओं के लिए देखें
    रचना दिक्षित

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  2. उनकी जिन्दगी ही होगी सफल इस जहाँ में
    जिन्हें उनके चाहने वाले करीब हैं यारो ।
    बहुत सुंदर..... हर पंक्ति में बेहतरीन ख्याल है......

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  3. बहुत अच्छी गजल कही आपने

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  4. जिसने पाया अपनी मुशक्कत से हर ख़ुशी को
    ऐसे लोगों के फसाने, बड़े अजीब हैं यारो ।
    बहुत खूब....

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  5. अपनों को भला कौन कहता होगा पराया
    मुकम्मल दिल से मिलने वाले , खुशनसीब हैं यारो ।

    Beautiful couplets, revealing the bitter truths of life.

    .

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  6. अब इस बेमुरव्वत जहां में जी नहीं लगता ,
    कभी दिल तोडना,कभी ठुकराना ,यहां तहज़ीब है यारों

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  7. सब कुछ होते हुए भी, गर कुछ ना दे सके किसी को
    इस जहाँ में ऐसे लोग बड़े गरीब हैं यारो ।


    बहुत अच्छी गज़ल ...

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  8. आम आदमी के हित में आपका योगदान महत्वपूर्ण है।
    हर पंक्ति में बेहतरीन ख्याल है......
    -डॉ० डंडा लखनवी

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  9. सब कुछ होते हुए भी गर कुछ ना दे सके किसी को
    इस जंहा में ऐसे लोग बड़े गरीब है यारो !!
    बहुत सही कहा आपने !

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  10. उनकी जिन्दगी ही होगी सफल इस जहाँ में
    जिन्हें उनके चाहने वाले करीब हैं यारो ।

    सच्ची बात को नये शब्द दिये है आपने
    बेहतरीन रचना के लिए बधाई

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  11. बहुतों ने ठुकराया , पर अपनाया जिन्होंने
    केवल हम उनके खास अजीज हैं यारो

    ....ऐसा भी क्या...बेहतरीन ग़ज़ल..बधाई.


    _________________
    'शब्द-शिखर' पर पढ़िए भारत की प्रथम महिला बैरिस्टर के बारे में...

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  12. साफ़ सुथरी सोंच रचना में पिरोने की कामयाब कोशिश

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  13. बहुत सुंदर और प्रेरक रचना।

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  14. बहुतों ने ठुकराया , पर अपनाया जिन्होंने
    केवल हम उनके खास अजीज हैं यारो

    शुक्रिया ......!!

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  15. उनकी जिन्दगी ही होगी सफल इस जहाँ में
    जिन्हें उनके चाहने वाले करीब हैं यारो

    बहुत सही लिखा है आपने ...खूबसूरत ग़ज़ल

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  16. दीवानों की दासताएँ बड़ी अजीब हैं यारो
    दुनियां में कुछ हबीब , कुछ रकीब हैं यारो ।
    ..गज़ल का मतला लाज़वाब है।

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  17. बहुत ही सुन्दर गज़ल. शुभकामनाएं

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  18. शायद पहली बार पढ़ रहा हूँ मगर आप अपना प्रभाव छोड़ने में सक्षम हैं ! शुभकामनायें

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  19. केवल जी, ब्लाग में इतना अच्छा लिखते हैं लोग कि तबियत प्रसन्न हो जाती है..
    धन्यवाद..

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  20. सब कुछ होते हुए भी, गर कुछ ना दे सके किसी को
    इस जहाँ में ऐसे लोग बड़े गरीब हैं यारो ।
    बहुत सटीक बात कही है!!!
    सुन्दर रचना!

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  21. बहुतों ने ठुकराया , पर अपनाया जिन्होंने
    केवल हम उनके खास अजीज हैं यारो

    ....बेहतरीन ख्याल .........बेहतरीन रचना के लिए बधाई

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  22. बहुतों ने ठुकराया , पर अपनाया जिन्होंने
    केवल हम उनके खास अजीज हैं यारो

    bahoot hi sunder gazal ....

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  23. सब कुछ होते हुए भी, गर कुछ ना दे सके किसी को
    इस जहाँ में ऐसे लोग बड़े गरीब हैं यारो ।
    यकीनन गरीब हैं : देने की सोचता ही नहीं कोई सब लेने पर ऊतारू हैं

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  24. बहुतों ने ठुकराया , पर अपनाया जिन्होंने
    केवल हम उनके खास अजीज हैं यारो

    बहुत खूब ... जो अपनाए उसके करीब तो होना ही चाहिए ... बहुत ही अच्छी रचना है केवल जी ....

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  25. उनकी जिन्दगी ही होगी सफल इस जहाँ में
    जिन्हें उनके चाहने वाले करीब हैं यारो ।
    बहुत अच्छे ख़याल है .बहुत सुन्दर.

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  26. उनकी जिन्दगी ही होगी सफल इस जहाँ में
    जिन्हें उनके चाहने वाले करीब हैं यारो ।

    केवल जी,बहुत सुंदर बात कही आपने..धन्यवाद.. बेहद उम्दा रचना..

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  27. बहुत बढ़िया लिखा है, पहली बार आप के चिट्ठा तक पहुंचा हूं, अच्छा लगा।

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  28. बहुत बढ़िया लिखा है, पहली बार आप के चिट्ठा तक पहुंचा हूं, अच्छा लगा।

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  29. बहुत पसन्द आया
    हमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
    बहुत देर से पहुँच पाया .................माफी चाहता हूँ.

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  30. संजय भास्कर जी ...शुक्रिया
    माफ़ी वाली कोई बात नहीं ..मैं खुद ही ब्लॉग जगत में देर से आया हूँ ...आपसे मिलकर हार्दिक प्रसन्ता हुई ..धन्यवाद

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  31. aapke blog par nimantran ke liye dhanyawaad....
    achchhi dwigu panktiya...
    usse bhi sundar aapka naam..jisme ram hai..
    aapki Dr. Divyaji ke blog par tippaniya padhi theen maine.
    achchha laga...lekhako aur kaviyo ka to kaam hi yahi hai....
    apni pankti kahna chahoonga...
    जो सोए है उन्हें जगाते हैं हम अपने छंदों से. हम पिघलाते लौह-बेड़ियाँ कुछ स्याही की बूंदों से..
    -Rajesh

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  32. बहुत अच्छे केवल राम, लगे रहो।

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  33. Rajesh Kumar 'Nachiketa' जी बहुत- बहुत धन्यवाद ..तारीफ के लिए , काश मैं इस नाम की सार्थकता सिद्ध कर पाता....आपका आभार समर्थन के लिए ...

    नीरज जाट जी , आपका बहुत आभार , आपसे मिलकर बहुत ख़ुशी हुई .....शुक्रिया

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  34. ब्लोगर संमेलन बहुत ही मजेदार रहा!..मुझे भी आप से मिल कर बहुत खुशी हुई!....आप अपने शोध कार्य में ज्वलंत सफलता हासिल करे..यही प्रभू के चरणों मे प्रार्थना!

    ...अति सुंदर रचना!

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  35. बेहतरीन
    इतनी बढिया रचना
    हम तो चूक गये जी आपसे मिलकर भी आपके मुख से कुछ नहीं सुना
    खैर फिर कभी सही
    आयेंगें कभी आपसे मिलने तब आराम से बैठ कर सुनेंगे

    प्रणाम

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  36. @>>> डा. अरुणा कपूर जी, बहुत- बहुत आभार आपका ...आपका आशीर्वाद मेरे जीवन में जरुर नया प्रकाश लायेगा , समर्थन के लिए स्वागत.......... और शुक्रिया टिप्पणी के लिए ...
    @>>> अन्तर सोहिल जी ...शुक्रिया , तारीफ के लिए ...ब्लॉग जगत के सभी साथियों को साथ पाकर में अभिभूत हुआ ..इसका श्रेय राज भाटिया जी के साथ साथ आपको भी जाता है ...आप जरुर आयें ..मुझे उस दिन का इन्तजार रहेगा ..शुक्रिया

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  37. सब कुछ होते हुए भी, गर कुछ ना दे सके किसी को
    इस जहाँ में ऐसे लोग बड़े गरीब हैं यारो ।
    सबसे अच्छे पंक्तियाँ तो यहीं हैं, मान लीजिये बहुत सही कह दिया आपने...

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  38. isi tarah koshish kar ke aap aur behatar likh sakate hai. ek din naam kamayenge hi.shubhkamanaye....

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  39. @>>>girish pankaj जी
    naam की किसको पड़ी है ..बस नेकी और शराफत जिन्दगी जी पाऊं तो वो भी काफी है..शुक्रिया प्रोत्साहन के लिए....यूँ ही मार्गदर्शन करते रहें

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  40. मैं एक साथ ही टिपण्णी करना चाहूंगी कि आपका ब्लॉग बहुत ही आकर्षक है . बहुत अच्छा लगा यहाँ आना .मन आनंद से भर गया .आपको धन्यवाद .

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  41. Amrita Tanmay जी
    यह सब आपकी नजरों और सोच के कारण है कि आप इस नाचीज को इतना सम्मान देते हो ...आपका बहुत- बहुत शुक्रिया ...यूँ ही उत्साहवर्धन करते रहें ..

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  42. बेनामी6/12/10 1:13 pm

    ऐसी भी क्या बात है केवल , "बहुतों ने ठुकराया " किस - किस ने ....इसके विपरीत कहो " बहुतों को ठुकराया "...सच्चाई को इस तरह छुपाने की जरुरत नहीं ...ग़ज़ल बहुत उम्दा है .....यूँ ही आगे बढ़ते रहो

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जब भी आप आओ , मुझे सुझाब जरुर दो.
कुछ कह कर बात ऐसी,मुझे ख्वाब जरुर दो.
ताकि मैं आगे बढ सकूँ........केवल राम.