(कभी जिन्दगी और इसके मंतव्य के बारे में सोचता हूँ तो खुद को अजीब सी स्थिति में पाता हूँ ..और फिर सोचता हूँ कुछ इस तरह ......
एक दिन जिन्दगी हमसे यूँ ही रूठ जाएगी
सवालात होंगे सब खत्म, सिर्फ बातें ही रह जाएगी
तुम जिन्दगी में कभी, फूलों की तमन्ना ना करना
फूलों की तमन्ना से, काँटों की अहमियत बढ़ जाएगी
खुदा का नायाब तोहफा हो तुम दुनिया के लिए
दुःख दुनिया को देने से, कीमत तुम्हारी कम हो जाएगी
दुनिया के लिए कुछ न कर सको तो इतना कर देना
तुम्हारी निष्काम दुआ, किसी के चेहरे को मुस्काएगी
लाख कोशिश करें हम खुद को छुपाने की
बदलते चेहरे पर, असलियत सामने आ जाएगी
मैं देता हूँ नसीहत तुमको, खुद को "खुदा" बनाने की
सब में केवल "खुदा" को देखो, तुम्हें खुदाई मिल जाएगी
एक दिन जिन्दगी हमसे यूँ ही रूठ जाएगी
सवालात होंगे सब खत्म, सिर्फ बातें ही रह जाएगी
तुम जिन्दगी में कभी, फूलों की तमन्ना ना करना
फूलों की तमन्ना से, काँटों की अहमियत बढ़ जाएगी
खुदा का नायाब तोहफा हो तुम दुनिया के लिए
दुःख दुनिया को देने से, कीमत तुम्हारी कम हो जाएगी
दुनिया के लिए कुछ न कर सको तो इतना कर देना
तुम्हारी निष्काम दुआ, किसी के चेहरे को मुस्काएगी
लाख कोशिश करें हम खुद को छुपाने की
बदलते चेहरे पर, असलियत सामने आ जाएगी
मैं देता हूँ नसीहत तुमको, खुद को "खुदा" बनाने की
सब में केवल "खुदा" को देखो, तुम्हें खुदाई मिल जाएगी
achchhe bhav..
जवाब देंहटाएंachchhe vichar...
बहुत बढ़िया रचना है |सुन्दर दिल के सुन्दर विचार |
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे विचारो वाली
जवाब देंहटाएंखूबसूरत गजल
सुन्दर गजल लिखी है आपने, आत्मीय आभार
जवाब देंहटाएं"आपकी गजल दिल को छूने वाली है".
आप भी आईये, हम को भी बुलाते रहिये
दोस्ती बुरी नहीं, दोस्त बनाते रहिये
आपका अपने ब्लॉग पर सदैव स्वागत रहेगा.
http://arvindjangid.blogspot.com/
लाख कोशिश करें हम खुद को छुपाने की
जवाब देंहटाएंबदलते चेहरे पर, असलियत सामने आ जाएगी
Bahut Khoob.............
दुनियां के लिए कुछ न कर सको तो इतना कर देना
जवाब देंहटाएंतुम्हारी निष्काम दुआ, किसी के चेहरे को मुस्काएगी
बहुत सार्थक सन्देश दिया इस कविता के माध्यम से। बधाई।
मैं देता हूँ नसीहत तुमको, खुद को "खुदा" बनाने की
जवाब देंहटाएंसब में केवल "खुदा" को देखो, तुम्हें खुदाई मिल जाएगी
बहुत प्रेरक रचना...सुन्दर अभिव्यक्ति..
तुम जिन्दगी में कभी, फूलों की तमन्ना ना करना
जवाब देंहटाएंफूलों की तमन्ना से, काटों की अहमियत बढ़ जाएगी
बिल्कुल सही कहा है क्योंकि ये दुनियां द्वैत के सिद्धांत पर ही टिकी हुई है, बहुत शुभकामनाएं.
रामराम.
लाख कोशिश करें हम खुद को छुपाने की
जवाब देंहटाएंबदलते चेहरे पर, असलियत सामने आ जाएगी
..
सुंदर रचना केवल जी
फूलों की तमन्ना से, काटों की अहमियत बढ़ जाएगी
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात कही है ..बहुत खूब ...और सच है खुदाई दूसरों को खुश रखने में ही मिलती है ...
जिंदगी रूठने की बात अभी क्यों कर रहे हो भाई केवल जी, जिंदगी भोग तो लो, जिंदगी जी भर कर जी लो फिर देखेंगे,........... भाई केवल जी, आपकी रचनाओं में दम है. किन्तु निराशावादी बातें मत करो न, .......... आशावादी भाव रखो, अच्छा लगेगा. न हो तो कभी किसी अस्पताल में जाकर घंटे दो घंटे बिताकर देखो...... अपनी जिंदगी खुदा की नियामत लगेगी तब. ........ बहरहाल......... शुभकामनाओं सहित
जवाब देंहटाएंतुम जिन्दगी में कभी, फूलों की तमन्ना ना करना
जवाब देंहटाएंफूलों की तमन्ना से, काटों की अहमियत बढ़ जाएगी
अहा,क्या बात कही है केवल जी आपने
@>>सुबीर जी
जवाब देंहटाएंभाई ...मैं कोई नकारात्मक बात नहीं कर रहा हूँ ...पर मुझे जिन्दगी की वास्तविकताओं के बारे में सोचना अच्छा लगता है ...इसलिए यह गजल लिख दी ...बाकि कोई भाव नहीं ...बस वास्तविकता को साथ लेकर अपनी जिन्दगी का सफ़र तय करूँ ...आपका धन्यवाद
बहुत प्रभावशाली ग़ज़ल.. !
जवाब देंहटाएंक्या बात कही है केवल जी आप ने बहुत कमाल की गज़ले कही हैं
जवाब देंहटाएंआप की ग़ज़ल दिल में हलचल पैदा करती है.मैं यह बिलकुल नहीं कहूँगा की आप दनादन लिखिए.बस "आँखों में उजाले" यों ही रोशन रहें.
जवाब देंहटाएंकेवल राम जी,
जवाब देंहटाएंआपके भाव बहुत सुंदर हैं...किंतुआवश्यकता है अब वर्तनी की ओर भी ध्यान देने की...टंकण की अशुद्धियाँ कई बार ख़टकती हैं..जिनसे कविता के प्रवाह में व्यवधान उत्पन्न होता है...जैसे,काटों की जगह काँटों, और दुनियां की जगह दुनिया..नायब की जगह नायाब.. पोस्ट करने के पहले एक बार दोहरा अवश्य लें..
वैसे आपकी कविता प्रेरणादायक है!!
मैं देता हूँ नसीहत तुमको, खुद को "खुदा" बनाने की
जवाब देंहटाएंसब में केवल "खुदा" को देखो, तुम्हें खुदाई मिल जाएगी
kya bat kahin kewal sahab........bahoot khoob
बहुत सुंदर भाव लिज़े हे आप की यह रचना, बहुत सुंदर, आज बहुत दिनो बाद आया हुं, धन्यवाद
जवाब देंहटाएंसुंदर और नेक ख़्यालात। बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंहिन्दी साहित्य की विधाएं - संस्मरण और यात्रा-वृत्तांत
तुम जिन्दगी में कभी, फूलों की तमन्ना ना करना
जवाब देंहटाएंफूलों की तमन्ना से, काँटों की अहमियत बढ़ जाएगी
बहुत आशावादी और सुंदर भाव लिए पंक्तियाँ..... प्रभावी अभिव्यक्ति.....
बेहतरीन अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंहमें यह रचना पढवाने के लिये हार्दिक आभार
निम्न पंक्तियां बहुत ज्यादा पसन्द आयी हैं
लाख कोशिश करें हम खुद को छुपाने की
बदलते चेहरे पर, असलियत सामने आ जाएगी
मैं देता हूँ नसीहत तुमको, खुद को "खुदा" बनाने की
सब में केवल "खुदा" को देखो, तुम्हें खुदाई मिल जाएगी
प्रणाम स्वीकार करें
लो भाई केवल....हम भी आ गए यहाँ....और सच बताएं....अच्छा ही लगा यहाँ आकर....बढ़िया है....बधाई....!!!
जवाब देंहटाएंKhuda banne ki seekh na dijiye varna fir koi kisi se shikayat nahi kar payega...
जवाब देंहटाएंkisi kavi ki kuchh lines yaad aati hain..
एक आदत सी बन गई है तु और आदत कभी जाती नहीं
मैकश-औ-मय है मगर इतनी कडवी कि पी जती नहीं
क्या कहूं कि मुझको ईसा बना दिआ तुमने,
अब शिकायत भी तो कि जाती नहीं
मैं देता हूँ नसीहत तुमको, खुद को "खुदा" बनाने की
जवाब देंहटाएंसब में केवल "खुदा" को देखो, तुम्हें खुदाई मिल जाए
जबर्दस्त्त ...बहुत बढ़िया.
लाख कोशिश करें हम खुद को छुपाने की
जवाब देंहटाएंबदलते चेहरे पर, असलियत सामने आ जाएगी ..
बहुत खूब .. ये शेर बहुत लाजवाब है ... इंसान का चेहरा आइना होता है ... सच दिखला देता है ...
तुम्हारी निष्काम दुआ, किसी के चेहरे को मुस्काएगी
जवाब देंहटाएंwaah!
फूलों की तमन्ना से, काँटों की अहमियत बढ़ जाएगी
जवाब देंहटाएंबहुत खूब केवल राम जी,
जिंदगी पर एक नया फलसफा पेश करने के लिए साधुवाद
केवल जी केवल वही लिखें जो आपको और से अलग करता हो। शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंkhubsurat............follow karna pada...
जवाब देंहटाएंतुम जिन्दगी में कभी, फूलों की तमन्ना ना करना
जवाब देंहटाएंफूलों की तमन्ना से, काटों की अहमियत बढ़ जाएगी
खूबसूरत अशआर...
फूलों से बेहतर काँटें ही हैं...
ख़ुशबू नहीं देते, न सही..
बढ़ कर दामन तो थाम लेते हैं...
अच्छा लिखते हो..
आशीर्वाद..!
हर पंक्ति याद रखने लायक है... बहुत खूब... मन को छू जाने वाली रचना...
जवाब देंहटाएंबहुत ही लाजवाब गज़ल. शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर कल सुबह का इंतज़ार करें...हमारे भाई केवल राम जे चमकेंगे सितारों की तरह "अमन का पैग़ाम पे"
जवाब देंहटाएंलाख कोशिश करें हम खुद को छुपाने की
जवाब देंहटाएंबदलते चेहरे पर, असलियत सामने आ जाएगी
बहुत लाज़वाब... हर एक शेर दिल पर दस्तक दे गया
मैं देता हूँ नसीहत तुमको, खुद को "खुदा" बनाने की
जवाब देंहटाएंसब में केवल "खुदा" को देखो, तुम्हें खुदाई मिल जाएगी
बहुत ख़ूब...
गुरु छा गये आज तो
जवाब देंहटाएं'फूलों की तमन्ना से, काटों की अहमियत बढ़ जाएगी'एक सत्य,जीवन का एक फलसफा.बाबा!गज़लों,नज्मो के बारे में ज्यादा ज्ञान नही.अशार किसे कहते है.नज्म,नग्मा गज़ल,शे'र आदि में क्या अंतर है,मुझे नही मालूम इसलिए तुम्हारी इस रचना के रचना-शिल्प के बारे में कुछ नही कह सकती. तुम्हारे मनोभावों अच्छे है इसलिए वो बात रचना में आई है और कोई भी रचना हो रचनाकार का व्यक्तित्व उसका मानसिक स्तर ,उसके सोच विचार उसकी रचना में झलक ही उठते हैं.और हर बार तुम्हारी रचनाओं में मैंने तुम्हे पढा.निसंदेह अच्छे इंसान हो.
जवाब देंहटाएंयूँ ऊपर लिखी पंक्ति को पढ़ कर एक बात कहूँ?देखो बुरा ना मानना.टिप्पणियों और टिप्पणीकारों पर कितनी सटीक बैठ रही है ना ?खास उ पर जो 'वाह! बहुत बढ़ीया' 'बहुत खूब' और 'दिल को छू गई'-सी टिप्पणी हर पोस्ट पर चिपका देने का काम करते हैं.है न ? हा हा हा
लाख कोशिश करें हम खुद को छुपाने की
जवाब देंहटाएंबदलते चेहरे पर, असलियत सामने आ जाएगी
... bahut khoob ... behatreen gajal !!!
केवल जी //
जवाब देंहटाएंआपका आभारी हूँ /
मेरे ब्लॉग पर आये ..सच कहते है
ब्लॉग अब एक नशा बन चूका है /
लिखते रहे /
सुझाब देते रहे //
बहुत प्रभावशाली ग़ज़ल..
जवाब देंहटाएंकेवल राम जी,
जवाब देंहटाएंचलते चलते आपने बहुत बड़ी बात कह दी ,
`सब में केवल "खुदा" को देखो, तुम्हें खुदाई मिल जाएगी !`
अच्छी अभिव्यति है !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
आप हिमाचल से हैं, खुशी हुई ! सुन्दर लाइनें आप ने लिख डाली है ! बधाई हो !! मैं आप को फ़ोलो कर रह हूं ! कृप्या म्रेरे ब्लोग पर आ कर फ़ोलो करें व मर्ग प्रशस्त करे !
जवाब देंहटाएंलाख कोशिश करें हम खुद को छुपाने की
जवाब देंहटाएंबदलते चेहरे पर, असलियत सामने आ जाएगी
..very nice lines..thanks for posting..
4.5/10
जवाब देंहटाएंरचना के माध्यम से सुन्दर सन्देश
भाव अच्छे लगे
"सब में केवल "खुदा" को देखो,
तुम्हें खुदाई मिल जाएगी"
अस्मिता और अपनी पहचान की सार्थक अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंकेवल भाई, बहुत गहरी सीख दी है आपने, शुक्रिया।
जवाब देंहटाएं---------
त्रिया चरित्र : मीनू खरे
संगीत ने तोड़ दी भाषा की ज़ंजीरें।
वाह भई केवल जी बल्ले बल्ले
जवाब देंहटाएं--इन्दु पुरी जी ने क्या सटीक कहा है, वही घिसी-पिटी टिप्पणियां---खैर...
जवाब देंहटाएं"""मैं देता हूँ नसीहत तुमको, खुद को "खुदा" बनाने की
सब में केवल "खुदा" को देखो, तुम्हें खुदाई मिल जाएगी---"’ बहुत सही कहा--
--" रांझा-रांझा करदे-करदे आपुहि रांझा होई..."
nice vist himachali.himdhara.in
जवाब देंहटाएंhimdhara.feedcluster.com
himdhara.blogspot.com
सुन्दर दिल के सुन्दर विचार |बहुत प्रेरक अभिव्यक्ति|
जवाब देंहटाएंदुनिया के लिए कुछ न कर सको तो इतना कर देना
जवाब देंहटाएंतुम्हारी निष्काम दुआ, किसी के चेहरे को मुस्काएगी
"बेहद सुन्दर सार्थक संदेश शुभकामनाये"
regards
मैं देता हूँ नसीहत तुमको, खुद को "खुदा" बनाने की
जवाब देंहटाएंसब में केवल "खुदा" को देखो, तुम्हें खुदाई मिल जाएगी
...प्यारी नसीहत।
वा वाह...वा वाह ...
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें केवल राम !
बहुत खूब। अच्छी रचना है। बधाईयाँ....
जवाब देंहटाएंमेरी नए पोस्ट पर एक नज़र जरूर डलिएगा।
डॉक्टर की दुकान में ग्राहकों की भीड़
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत - बहुत शुभकामना
बहुत बढ़िया गजल है |
जवाब देंहटाएंपसंद आई
आभार
क्रिएटिव मंच पर नए आयोजन
'सी.एम.ऑडियो क्विज़' में आपका स्वागत है.
यह आयोजन कल रविवार, 12 दिसंबर, प्रातः 10 बजे से शुरू हो रहा है .
आप का सहयोग हमारा उत्साह वर्धन करेगा.
सधन्यवाद
खुदा का नायाब तोहफा हो तुम दुनिया के लिए
जवाब देंहटाएंदुःख दुनिया को देने से,कीमत तुम्हारी कम हो जाएगी
बहुत सुंदर भावनाएं ...जीवन को ही अभिव्यक्त कर दिया आपने .....बहुत खूब
सब में केवल "खुदा" को देखो, तुम्हें खुदाई मिल जाएगी
जवाब देंहटाएंबहुत उत्तम रचना । बधाई...
ati sunder!!! badhai!
जवाब देंहटाएंAti umda gajal ....Sunder bhavon ka sampreshan
जवाब देंहटाएंमैं देता हूँ नसीहत तुमको, खुद को "खुदा" बनाने की
जवाब देंहटाएंसब में केवल "खुदा" को देखो, तुम्हें खुदाई मिल जाएगी
well said...
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ग़ज़ल और बहुत सुंदर भाव !
जवाब देंहटाएंएक सुंदर ग़ज़ल पढवाने के लिए शुक्रिया !!
Aadarneeya Ramji
जवाब देंहटाएंbahut hi sunadar rachana hai.........
apki har baat me sachee aur prerana hoti hai.gar hum inme se kuch bhi anusaran kar paae to samaj ki isthiti hi badal jaae. thanks.
आदरणीय रामजी
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचना है . ........
आपकी हर बात में सची और प्रेरणा होती है . गर हम इनमे से कुछ भी अनुसरण कर पाए तो समाज की इस्थिति ही बदल जाए . धन्यवाद् .
bahut hi sundar - yah to ek nayaaa aayam dekh rahi hoon :)
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