रूठा हूँ तो मनाकर देख लीजिये
दूर गर हूँ तुमसे पास बुलाकर देख लीजिये
खफा क्योँ हो तुम, कि हम तुम्हें प्यार नहीं करते
अपनी अदा-ए-इश्क दिखाकर देख लीजिये
कैसे नहीं छाएगा इश्क का खुमार हम पर
नज़रों के मयखाने में पिलाकर देख लीजिये
हम तुम्हें चाहेंगे अपनी जान से भी ज्यादा
आकर करीब बाँहों में उठाकर देख लीजिये
हम हर पल तुम्हारे ही सपने देखेंगे 'केवल'
जरा पलकों कि सेज पर सुलाकर देख लीजिये
दूर गर हूँ तुमसे पास बुलाकर देख लीजिये
खफा क्योँ हो तुम, कि हम तुम्हें प्यार नहीं करते
अपनी अदा-ए-इश्क दिखाकर देख लीजिये
कैसे नहीं छाएगा इश्क का खुमार हम पर
नज़रों के मयखाने में पिलाकर देख लीजिये
हम तुम्हें चाहेंगे अपनी जान से भी ज्यादा
आकर करीब बाँहों में उठाकर देख लीजिये
हम हर पल तुम्हारे ही सपने देखेंगे 'केवल'
जरा पलकों कि सेज पर सुलाकर देख लीजिये
इतनी खुबसूरत रचना कि जेसे - जेसे पढ़ते हुए आगे बढती गयी पढने का मज़ा दोगुना होता चला गया !
जवाब देंहटाएंबहुत खुबसूरत बधाई दोस्त !
कुछ अलग सा लगा यह देखना-दिखाना.
जवाब देंहटाएंवाह भई केवल राम जी!
जवाब देंहटाएंभी तो प्रेंमदिवस दूर है!
बहुत ही मखमली गजल लिखी है आपने!
वाह भई केवल राम जी!
जवाब देंहटाएंअभी तो प्रेंमदिवस दूर है!
बहुत ही मखमली गजल लिखी है आपने!
कैसे नहीं छाएगा इश्क का खुमार हम पर
जवाब देंहटाएंनज़रों के मयखाने में पिलाकर देख लीजिये
बहुत सुन्दर प्रेममयी गज़ल..इतनी सुन्दर गज़ल पढ़ कर खुमार तो आएगा ही..
बहुत प्यरी सी कविता बिलकुल केवल राम जेसी, धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत ही गहरे एहसास है हर नज़्म में ...... सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रचना ... आभार
जवाब देंहटाएंग़ज़ल के मूल अर्थ को रूपायित करती एक अच्छी रचना।
जवाब देंहटाएंबधाई।
कैसे नहीं छाएगा इश्क का खुमार हम पर
जवाब देंहटाएंनज़रों के मयखाने में पिलाकर देख लीजिये
...lajawaab
बेह्तरीन पोस्ट...केवल राम जी!
जवाब देंहटाएंकुछ लाइने दिल के बडे करीब से गुज़र गई....
हम हर पल तुम्हारे ही सपने देखेंगे 'केवल'
जवाब देंहटाएंजरा पलकों कि सेज पर सुलाकर देख लीजिये
...............बहुत बढ़िया,
बड़ी खूबसूरती से कही अपनी बात आपने.....
• ग़ज़ल में आपकी गहरी संवेदना, अनुभव और अंदाज़े बयां खुलकर प्रकट हुए हैं। आपकी शायरी सलीक़ेदार, प्रखर और प्रभावी है।
जवाब देंहटाएंक्या बात है! बढ़िया।
जवाब देंहटाएंफिर देखा कि नहीं उन्होने? :)
वा वाह.... वा वाह....
जवाब देंहटाएंकेवल राम जी ...
आनंद आ गया
केवल जी,
जवाब देंहटाएंएक सौम्य सहज शब्द प्रवाह!! खुबसूरत रचना!!
श्रीमान जी आपने जो पोस्ट लिखी है इसमें बड़ा ही सुन्दर चित्रण आपने प्रस्तुत किया है....और यह दो प्यार करने वालों की सच्ची चाहत को बयां करती है....बहुत सुंदर!
जवाब देंहटाएंसुंदर और प्रभावी बन पड़ी है यह रचना ...देख लिया :)
जवाब देंहटाएंखफा क्योँ हो तुम, कि हम तुम्हें प्यार नहीं करते
जवाब देंहटाएंअपनी अदा-ए-इश्क दिखाकर देख लीजिये
.
बहुत खूब केवल जी. बेहतरीन शब्दों का जादू है ..
कैसे नहीं छाएगा इश्क का खुमार हम पर
जवाब देंहटाएंनज़रों के मयखाने में पिलाकर देख लीजिये
हम हर पल तुम्हारे ही सपने देखेंगे 'केवल'
जरा पलकों कि सेज पर सुलाकर देख लीजिये..padh kar laga ki khumaari chhaane lagi hai..:)
bahut narm aur bahut sunder.
कैसे नहीं छाएगा इश्क का खुमार हम पर
जवाब देंहटाएंनज़रों के मयखाने में पिलाकर देख लीजिये
हम हर पल तुम्हारे ही सपने देखेंगे 'केवल'
जरा पलकों कि सेज पर सुलाकर देख लीजिये..padh kar laga ki khumaari chhaane lagi hai..:)
bahut narm aur bahut sunder.
कैसे नहीं छाएगा इश्क का खुमार हम पर
जवाब देंहटाएंनज़रों के मयखाने में पिलाकर देख लीजिये
हम हर पल तुम्हारे ही सपने देखेंगे 'केवल'
जरा पलकों कि सेज पर सुलाकर देख लीजिये..padh kar laga ki khumaari chhaane lagi hai..:)
bahut narm aur bahut sunder.
कैसे नहीं छाएगा इश्क का खुमार हम पर
जवाब देंहटाएंनज़रों के मयखाने में पिलाकर देख लीजिये
प्यार और समर्पण की कोमल अभिव्यक्ति !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
पलकों की सेज पर सुलाने के कोमल भाव से पगी पंक्तियाँ। बहुत ही सुन्दर।
जवाब देंहटाएंहर पंक्ति लाजवाब ....और प्रस्तुतिकरण अनुपम ...।
जवाब देंहटाएंखुबसूरत रचना! एक सौम्य सहज शब्द प्रवाह!! हर पंक्ति लाजवाब ....
जवाब देंहटाएं'जरा पलकों की सेज पर सुलाकर देख लीजिये'
जवाब देंहटाएंबहुत ही रूमानी शेर ....प्रेम में सराबोर रचना |
`दूर गर हूँ तुमसे पास बुलाकर देख लीजिये'
जवाब देंहटाएंमैं गया वक्त नहीं जो लौट कर न आ सकूं :)
कैसे नहीं छाएगा इश्क का खुमार हम पर
जवाब देंहटाएंनज़रों के मयखाने में पिलाकर देख लीजिये ..
वाह वाह ... क्या बात है ... एक बार जो नज़र से पी लेता है वो उठ नही पाता उम्र भर ... देख कर पीना जनाब ...
लाजवाब लिखा है केवल जी ...
हम हर पल तुम्हारे ही सपने देखेंगे 'केवल'
जवाब देंहटाएंजरा पलकों कि सेज पर सुलाकर देख लीजिये
यह बात कहने का नया अंदाज़ अच्छा लगा. सुंदर रचना.
कैसे नहीं छाएगा इश्क का खुमार हम पर
जवाब देंहटाएंनज़रों के मयखाने में पिलाकर देख लीजिये
bahut hi uttam koti ki bhav poorn abhivyakti........
प्रेम में ओत प्रोत बहुत सुन्दर ग़ज़ल ।
जवाब देंहटाएंकेवल राम भाई !
जवाब देंहटाएंबहुत लाजबाव गजल कही है आपने । जैसे जैसे आगे बढ़ते गये मुहब्बत भी बढ़ती गई ।
वाह ! जबाव नहीँ सादगी का गजल मेँ ।
बहुत बहुत बधाई !
बहुत सरल शब्दों में सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंसीधी सी राह से जाती प्यार की एक फुहार सी रचना. जारी रहें.
-
सागर by AMIT K SAGAR
पलकों की सेज पिया की -कुछ रूहानी कुछ सूफियाना है न ?
जवाब देंहटाएंरूमानियत कहूँ या रूहानियत! दोनों का मज़ा आया है आपकी इस रचना में (केवल जी क्षमा करें, इसे ग़ज़ल नहीं कहा है)...
जवाब देंहटाएंkewal ji
जवाब देंहटाएंbahut hi achhi gazal lagi aapki.gungunane ko man kar gaya.
har pankti pyar se sarobar.
poonam
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी रचना आज मंगलवार 18 -01 -2011
जवाब देंहटाएंको ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
http://charchamanch.uchcharan.com/2011/01/402.html
हम हर पल तुम्हारे ही सपने देखेंगे 'केवल'
जवाब देंहटाएंजरा पलकों कि सेज पर सुलाकर देख लीजिये
खूबसूरत एहसास से लबरेज़ गज़ल
कैसे नहीं छाएगा इश्क का खुमार हम पर.....
जवाब देंहटाएंहर पंक्ति लाजवाब ....
धन्यवाद.
सुंदर गजल है,
जवाब देंहटाएंपर कुछ सुधार अपेक्षित हैं।
हम समापन पर पहुंचे
आभार
वाह वाह गज़ब गज़ब ……………प्रेम का खुमार अंगडाइयाँ ले रहा है……………बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति दिल को छू गयी।
जवाब देंहटाएंबहुत ही गहरे एहसास है| बहुत खुबसूरत| बधाई|
जवाब देंहटाएंबहुत -बहुत धन्यवाद इस सुन्दर रचना के लिए..
जवाब देंहटाएं... bahut khoob ... behatreen !!
जवाब देंहटाएंकौन नहीं अपनाएगा इस मोह्बात को
जवाब देंहटाएंएक मर्तबा इज़हार जता कर तो देखिये...
बहुत ही प्यारी है...
very nice blog dear.....
जवाब देंहटाएंMusic Bol
Lyrics Mantra
बहुत खूबसूरत अहसासो को सजोया है आपने
जवाब देंहटाएंप्यार को ख़ूबसूरती से परिभाषित किया है आपने।
जवाब देंहटाएंवो तो सब ठीक है मगर ये भी याद रक्खें बरखुरदार की:-
जवाब देंहटाएंक़यामत है किसी का प्यार करना इस ज़माने में.
क़ज़ा का सामना रक्खा हुआ है दिल लगाने में.
प्रेममयी कोमल भावों और शब्दों से सजी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंare wah...sidhu pa jee ki bhasa men kahun, aap to chha gaye GURU...
जवाब देंहटाएंsari panktiyan itni khubsurat hai ki taaref ke sahi shabd dundh nahi paa rahi...aapko bahot bahot badhai.
कैसे नहीं छाएगा इश्क का खुमार हम पर
जवाब देंहटाएंनज़रों के मयखाने में पिलाकर देख लीजिये
खुबसूरत रचना...
बहुत अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंvaah...vaah...aur padhye....irshaad
जवाब देंहटाएंबढ़िया ग़ज़ल है केवल जी.एक एक शेर कलेजे से लगा लेने के काबिल है.धर्मशाला की तसवीरें दिखाने के लिए धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंकौन भला टाल पाएगा ऐसा आग्रह, क्या खूबसूरत प्रणय निवेदन है।
जवाब देंहटाएंbas
जवाब देंहटाएंबस
इतना ही !!!!!!!!!!!
वाह साहब सारा दारोमदार सामने वाले पर छोड़ दिया ! बहुत सुन्दर | हर शेर पर दाद देता हूँ |
जवाब देंहटाएंक्यों कोई इतना भाता है ?
जवाब देंहटाएंक्यों ऐसे मन जुड़ जाता है-
ह्रदय किसी का-श्वास किसी की,
अधर किसी के-प्यास किसी की,
भाव किसी के-बयन किसी के,
नींद किसी की-नयन किसी के,
पैर किसी के-राह किसी की,
दर्द किसी का-आह किसी की,
चोट किसे लगती है साथी,
मन किसका रोता है साथी !
क्यों ऐसा होता है साथी ?
केवल राम जी!
बहुत सुन्दर गज़ल..मेरे हृदय को अपार सुख मिला... और आनंद भी . बधाई
http://abhinavanugrah.blogspot.com/
हम तुम्हें चाहेंगे अपनी जान से भी ज्यादा
जवाब देंहटाएंआकर करीब बाँहों में उठाकर देख लीजिये
वाह...केवल राम जी...बहुत बढ़िया कही आपने....सुंदर रचना
ओह! अब जाना कि दिखलाई क्यों नहीं पड़ रहे !..रूठे हुए हैं।
जवाब देंहटाएं...बहुत अच्छी गज़ल।
ऐसी प्यारी रचना को बार बार देखना चाहूंगा।
जवाब देंहटाएं-------
क्या आपको मालूम है कि हिन्दी के सर्वाधिक चर्चित ब्लॉग कौन से हैं?
ओह हो आने में देर हो गई ..अब फोलो कर लिया है आपका ब्लॉग अब देर नहीं होगी.
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत रचना है.
रूठे हो केवल जी तो मुझको भी मनाना आता है।
जवाब देंहटाएंजावन में उमर भर की खुशी पाना है तो,
प्रेम सरोवर में नहा कर देख लीजिए।
मन झंडु बाम हो गया।सादर।
गणतंत्र दिवस की आपको भी हार्दिक शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंलाजवाब लिखा है केवल जी .
जवाब देंहटाएंहम तुम्हें चाहेंगे अपनी जान से भी ज्यादा
जवाब देंहटाएंआकर करीब बाँहों में उठाकर देख लीजिये
राम जी आ गई होगी अभी तक तो ....?
केवल राम जी ,
जवाब देंहटाएंनमस्कार
मेरे ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद .आपने बहुत शुभवचन कहे .मैं आभारी हूँ.आपने लिखा है आपने मेरा ब्लॉग अनुसरण किया है लेकिन शायद कुछ त्रुटी रह गयी होगी हुआ नहीं .कृपया एक बार पुनः अनुग्रहित करें.
आपकी प्रेम रस में डूबी रचना सुंदर है -
बधाई एवं शुभकामनायें
गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ... जय हिंद
जवाब देंहटाएंbahut khubsurat gazal likhi hai..
जवाब देंहटाएंहम हर पल तुम्हारे ही सपने देखेंगे 'केवल'
जवाब देंहटाएंजरा पलकों कि सेज पर सुलाकर देख लीजिये
अरे बेटा तेवर कुछ अच्छे नजर नही आ रहे क्या बैंद बाजे की तैयारी करें? बधाई कबूल कर लो। लेकिन बारात चढने से पहले हमे बुलाना मत भूलना । बधाई आशीर्वाद। सुन्दर रचना।
bahut sundar gazal bhai keval ramji badhai
जवाब देंहटाएंbahut sundar gazal bhai keval ramji badhai
जवाब देंहटाएंरूठा हूँ तो मनाकर देख लीजिये
जवाब देंहटाएंदूर गर हूँ तुमसे पास बुलाकर देख लीजिये
" khubsurat ehsaas "
regards
खूबसूरत अलफ़ाज़...खूबसूरत अंदाज़....
जवाब देंहटाएंआपने इतनी अच्छी गजल लिखी कि
मेरे भी कुछ अलफ़ाज़ शेर में ही तब्दील हो गए...
मुलाहिजा फरमाएं...
तुम रूठो ही क्यूँ कि तुम्हें मनाया जाये ??
दूर जाओ ही क्यूँ कि पास बुलाया जाये ??
जब प्यार तुम्हें करते हैं सब तो खफा क्यूँ हो ??
फिर किसी के अदा-ए-इश्क की तुम्हें जरूरत क्यूँ हो ??
मय नज़रों वो से पिलाते हैं फिर भी प्यासे हो ??
अब इससे ज्यादा और क्या चाहते हो......??
very nice..
जवाब देंहटाएंPls Visit My Blog..
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bahut khoob yaar
जवाब देंहटाएंreally romance jhalak raha hain poem se
प्यार की कसक तो वो ही जाने, किया इस जिंदिगी में प्रेम जिसने ---इक खुबसूरत अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंहम तुम्हें चाहेंगे अपनी जान से भी ज्यादा
जवाब देंहटाएंआकर करीब बाँहों में उठाकर देख लीजिये
किसी को लुभाने का अच्छा तरीका है ..केवल जी
आपकी गजल का जबाब नहीं ...बहुत सुंदर भाव
आपकी गजल का हर शेर बहुत भाव पूर्ण है ...लगता है किसी से इश्क किया तो खुद ही समर्पित हो गए उसके लिए ..बात कहने का अंदाज काफी प्रभावी है ...
जवाब देंहटाएंखफा क्योँ हो तुम, कि हम तुम्हें प्यार नहीं करते
जवाब देंहटाएंअपनी अदा-ए-इश्क दिखाकर देख लीजिये
बहुत खूबसूरत अहसासों से भरी रचना.. बहुत ही प्यार भरा अंदाज़ लिए..
very nice..........aapke lekhan ka ahsas hi nirala hai. thanks.
जवाब देंहटाएं