आज नजरें तुम पर तमाम हैं जमाने की
मालूम उन्हें है, तू शम्मा है परवाने की
कायल भला कौन ना होगा तेरी अदाओं का
आदत है ही जो तुम्हें मुस्कराने की
आसमान से बिजलियाँ सी गिरती हैं तब
चेहरे पर झलक जब दिखती है शर्माने की
खामोश होकर जब तुम चुपी साध लेती हो
मदभरी आँखों से झलक दिखती है मयखाने की
दिल यादों का मंजर है किस -किस तरह याद करूँ
बस मेरी तो तबियत हो गयी है, गज़लें सुनाने की
प्यार, इश्क और
मोहब्बत यह तूने समझाया
हर आशिक नहीं सहेगा , तुम्हारी कला सताने की
बस मेरी तो तबियत हो गयी है, गज़लें सुनाने की
जवाब देंहटाएंऔर मेरी नीयत बदल गयी है, गज़लें चुराने की :)
बहुत खूब...सुन्दर गज़ल
जवाब देंहटाएंप्रेम की सुन्दर फुहार।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ! शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंचुभन जब भी होगी दिल सिहर सा उठेगा
जवाब देंहटाएंहसीनों को है ही आदत "केवल" रुलाने की.
क्या बात है! मस्त!
और हां, रोते रोते हंसना सीखो...
bahut khoob , janab
जवाब देंहटाएंek se badkar ek paktiyan , sundar ati sundar
दिल यादों का मंजर है किस -किस तरह याद करूँ
जवाब देंहटाएंबस मेरी तो तबियत हो गयी है, गज़लें सुनाने की
bahut khoob
प्यार, इश्क और मोहब्बत यह तूने समझाया
जवाब देंहटाएंहर आशिक नहीं सहेगा , तुम्हारी कला सताने की
वाह ! बेहतरीन !
.
आसमान से बिजलियाँ सी गिरती हैं तब
जवाब देंहटाएंचेहरे पर झलक जब दिखती है शर्माने की
वाह, क्या कहने...
प्रेममयी भावनाओं को सुंदरता से अभिव्यक्त करती बेहतरीन ग़ज़ल।
बहुत खूब...सुन्दर गज़ल
जवाब देंहटाएंबहुत खूब! बेहतरीन गज़ल| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम
वाह,
जवाब देंहटाएंलगता है कुछ कर गुजरोगे.
ऐसे ही तुम ना सुधरोगे.
हा हा हा ........,खूब है.
Absolutely Superb.
जवाब देंहटाएंअभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है ग़ज़ल. और आपने ग़ज़ल में शब्दों को सुन्दर प्रयोग किया है. आभार.
जवाब देंहटाएंशुभकामनाओं सहित
क्या श्रृंगार लिखा है भाई साहब....मस्त....
जवाब देंहटाएंकेवज जी बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंदिल को छू लेने वाली गजल पेश की आपने।
तारीफ में क्या कहूं एक शेर याद आ रहा है, वही कह देता हूं,
' इश्क है तो शिकायत न कीजिए,
और शिकवे हों तो मुहब्बत न कीजिए।'
शुभकामनाएं आपको।
दिल यादों का मंजर है किस -किस तरह याद करूँ
जवाब देंहटाएंबस मेरी तो तबियत हो गयी है, गज़लें सुनाने की
अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है ग़ज़ल. और आपने ग़ज़ल में अपने दिल में छुपे भावों को एक बेहतरीन और सुलझे हुए सुन्दर रूप में प्रस्तुत किया है.. तो यादों को सजाते रहिये यूँ ही शानदार ग़ज़लों के रूप में ..
प्यार, इश्क और मोहब्बत यह तूने समझाया
हर आशिक नहीं सहेगा , तुम्हारी कला सताने की..
पर जो इस कला को सहने की ताकत रखता है , वही तो इतना कुछ समझ सकता है.. बहुत गहरे भाव लिए एक प्यारी सी ग़ज़ल.. आभार
क्या बात है!!
जवाब देंहटाएंआज तो दिल खोल कर रख दिया है।
सुंदर रचना।
प्रेम की सुंदर अभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंमनभावन गजलें. शानदार अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंkya bat hain
जवाब देंहटाएंbahut khoob
कायल भला कौन ना होगा तेरी अदाओं का
जवाब देंहटाएंआदत है ही जो तुम्हें मुस्कराने की
वाह जी क्या बात हे, बहुत खुब, धन्यवाद
बहुत खूबसूरत गज़ल ...
जवाब देंहटाएंचुभन जब भी होगी दिल सिहर सा उठेगा
जवाब देंहटाएंहसीनों को है ही आदत "केवल" रुलाने की.
बहुत खूब, सुन्दर गज़ल.
चुभन जब भी होगी दिल सिहर सा उठेगा
जवाब देंहटाएंहसीनों को है ही आदत "केवल" रुलाने की.
इक कशिश है छुपी हुई इस चुभन मे, साथ मे करहाते है केवल के
हंसी आ जाए, हसीनों की ऐसी आदत को आपने रेखांकित किया है.
जवाब देंहटाएंबहुत ही खुबसूरत रचना....
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया!
जवाब देंहटाएंवाह वाह वाह! मतलब मामला कुछ आगे बढा है।
जवाब देंहटाएंउम्दा गजल वहीं से निकल कर आ रही है :)
mere khyal se yah gazal ke niymon par khri nhin utregi
जवाब देंहटाएंmeri tarh aap bhi ise " agazal " vidha ka nam den
bhav paksh se yah ati sunder rachna hai aur nizi roop se main bhav paksh ka hi smarthak hoon
ऐसा प्रतीत होता है केवल को बहुत सताया है हसीनो ने , जरा संभल के ! बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंवाह ....बहुत खूब ...बेहतरीन प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएं"हसीनों को है ही आदत "केवल" रुलाने की."
जवाब देंहटाएंकेवल राम जी ये आदत तो अब लगता है आपने भी सीख ली है.अपना बना के दूर क्यों हो ?
केवल राम जी गज़ब कर दिया……………बहुत ही शानदार गज़ल लिखी है हर शेर खूबसूरत है।
जवाब देंहटाएंबहुत भावुक और मस्त कर देने वाली कविता/गीत/ग़ज़ल... अति सुन्दर !
जवाब देंहटाएंafter a long i read such a nice GAJAL.
जवाब देंहटाएंmaza aa gayaa ..
बहुत सुन्दर लगे.! बहुत - बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंभावुक ..धन्यवाद..
खामोश होकर जब तुम चुपी साध लेती हो
जवाब देंहटाएंमदभरी आँखों से झलक दिखती है मयखाने की
.
वाह केवल जी क्या बात है पुरानी यादों मैं पहुंचा दिया.
वो भी क्या दिन हुआ करते थे
केवलजी....
जवाब देंहटाएंक्या खूब ग़ज़ल कही है आपने !!
पूरे दिल से लिखी गई मोहब्बत भरी ग़ज़ल....
लेकिन फिर भी....
"कभी वो प्यार करते हैं ,
कभी इज़हार करते हैं....
मगर न जाने क्यूँ फिर
शिकायत भी बार-बार करते हैं !! "
बहुत अच्छी लगी यह गजल |
जवाब देंहटाएंबधाई
आशा
आपका मेरे ब्लॉग पर पदार्पण करने ओर हौसला अफजाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया ....
जवाब देंहटाएंआप के ब्लॉग पर आके मै तो दंग रह गया ज़नाब इतने उम्दा ओर अव्वल दर्जे का लिखते हो सिखने ओर समझने को तो हमें भी मिलेगा यहाँ से :
खामोश होकर जब तुम चुपी साध लेती हो
मदभरी आँखों से झलक दिखती है मयखाने की/-
बहुत खुबसूरत शेर लिखे हैं ,,,बधाई कबूल कीजियेगा
बहुत खूब केवल भाई,
जवाब देंहटाएंदिल यादों का मंजर है किस -किस तरह याद करूँ
बस मेरी तो तबियत हो गयी है, गज़लें सुनाने की
जब ग़ज़ल उतरने लगे
समझो इश्क आस पास है
जब नज़्म चलने लगे
समझो इश्क आस पास है.
सलाम.
मैं पिछले कुछ महीनों से ज़रूरी काम में व्यस्त थी इसलिए लिखने का वक़्त नहीं मिला और आपके ब्लॉग पर नहीं आ सकी!
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल लिखा है आपने ! बेहतरीन प्रस्तुती!
priya ram ji
जवाब देंहटाएंnaskar ,
bas tabiyat ho gayi -----
sundar abhivyakti ,shukhad anubhutiyon ke sath dil ki gaharayiyon ko chhuti huyi.
shukrya .
'चलते-चलते' यूँ ही कोई मिल गया था ..........इसीलिए विलम्ब से आना हुआ , जिसका मुझे खेद है ,बहरहाल -
जवाब देंहटाएंखामोश होकर जब तुम चुपी साध लेती हो
मदभरी आँखों से झलक दिखती है मयखाने की........
सुंदर प्रस्तुति हेतु आभार ......................
हर शेर दिल को छू जाने वाला है। बधाई।
जवाब देंहटाएं---------
पैरों तले जमीन खिसक जाए!
क्या इससे मर्दानगी कम हो जाती है ?
खामोश होकर जब तुम चुपी साध लेती हो
जवाब देंहटाएंमदभरी आँखों से झलक दिखती है मयखाने की
केवल जी ... बहुत अच्छे भाव सॅंजो कर लाए है इस ग़ज़ल में .. शेर भी लाजवाब बन गये हैं ...
मज़ा आया पढ़ कर ...
बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंप्रिय केवल राम जी
जवाब देंहटाएंसस्नेह अभिवादन !
नज़रें तुम पर … केवलराम ज़माने भर की ! हा हाऽऽ ह …
भई कहते भी हैं न
अच्छी सूरत भी क्या बुरी शै है
जिसने डाली नज़र बुरी डाली
अच्छा लिखा है बंधु !
चुभन जब भी होगी दिल सिहर सा उठेगा
हसीनों को है ही आदत "केवल" रुलाने की
यहां केवल के एक साथ दो दो अर्थ देने के कारण अलंकार की सहज उत्पत्ति हुई है …
हार्दिक बधाई !
मंगलकामनाएं !!
♥होली की अग्रिम शुभकामनाएं !!!♥
- राजेन्द्र स्वर्णकार
कायल भला कौन ना होगा तेरी अदाओं का
जवाब देंहटाएंआदत है ही जो तुम्हें मुस्कराने की
वाह बेटा मुस्कान देख कर ही फिदा हो जाते हो? तभी तो रोना पडता है। अच्छी रचना। आशीर्वाद।
Kewal ji.Namaskar.
जवाब देंहटाएंGazal sunane ka man jab bhi kare to likh daliye...
hamein sun ne ki aadat hai...palkon se phool chun ne ki aadat hai.
bahut achha .badhayi.
दिल यादों का मंजर है किस -किस तरह याद करूँ
जवाब देंहटाएंबस मेरी तो तबियत हो गयी है, गज़लें सुनाने की.
वाह क्या बात है ......
बहुत सुन्दर ....
पूरी ग़ज़ल उम्दा है !
दिल यादों का मंजर है किस -किस तरह याद करूँबस मेरी तो तबियत हो गयी है, गज़लें सुनाने की
जवाब देंहटाएंबधाई ....
इस याद की .....
जैसे मर्जी याद करें .....):
achi hai -- itna sa anurosh hai bhavo ko shabdo mai piroye - na ki shabdo ko bhavo mai
जवाब देंहटाएंवाह ! बेहतरीन ...बहुत खूब केवल भाई
जवाब देंहटाएंकेवज जी बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंदिल को छू लेने वाली गजल
बहुत पसन्द आया
हमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
बहुत देर से पहुँच पाया ..........माफी चाहता हूँ
केवल जी सिर्फ इतना ही कहूँगा... कि आनंद आ गया.....
जवाब देंहटाएंहर शे‘र में आपका निराला अंदाज झलक रहा है
जवाब देंहटाएं......बहुत खूबसूरत गज़ल ...शुक्रिया !
दिल यादों का मंजर है किस -किस तरह याद करूँ
जवाब देंहटाएंबस मेरी तो तबियत हो गयी है, गज़लें सुनाने की
प्यार, इश्क और मोहब्बत यह तूने समझाया
हर आशिक नहीं सहेगा , तुम्हारी कला सताने की
bahut khoobsurat .
वाह ! केवल राम भाई आपका गजल कहने का अंदाज मुख़्तलिफ है । कितनी मासूमियत और सहजता से आप अपनी बात कह जाते है । बहुत प्यारी गजल है । आभार जी ।
जवाब देंहटाएं"दो पल ना रूके वो हमेँ मुदद्तोँ से इंतजार था.........गजल "
वाह वाह....
जवाब देंहटाएंक्या अदा है मोहब्बत जताने की...
अब जरूरत क्या है आँखों या जुबान से बताने की...
चुभन जब भी होगी दिल सिहर सा उठेगा
जवाब देंहटाएंहसीनों को है ही आदत "केवल" रुलाने की.
क्या बात है, क्या शेर गढे है आपने ने कि नीयत ही खराब हो जाये. प्रेम रस में सराबोर नज़्म. बेहतेरीन और बधाई.
'दिल यादों का मंज़र है किस-किस तरह याद करूँ
जवाब देंहटाएंबस मेरी तबियत हो गयी है , गज़लें सुनाने की |
वाह भाई केवलराम जी , बहुत मस्त शेर
khoobsorat, behad khoobsorat.
जवाब देंहटाएंचुभन जब भी होगी दिल सिहर सा उठेगा
जवाब देंहटाएंहसीनों को है ही आदत "केवल" रुलाने की.
प्रेम अभिव्यक्त हुआ सुन्दर ग़ज़ल के माध्यम से .
दिल यादों का मंजर है किस -किस तरह याद करूँ
जवाब देंहटाएंबस मेरी तो तबियत हो गयी है, गज़लें सुनाने की
aapki yahi tbiyat hame raas aane waali hai janaab..
hamei dher-si gazaleiN jo sun`ne ko
mil paaeNgi...
ek achhee rachnaa ke liye mubarakbaad
tum muskurate na ye baat hoti
जवाब देंहटाएंna milti nigahe ya halat ye hoti..
kavi khubsurat na itne the sapne
na ye chand jalta na ye raat hoti..
mujhe khair kismat ne laya kaha pe
na milte to kaise mulakat hotiiiiiiiiiii.....raam ji bhut khub likhte hai aap...good bless u...plz join me...
खूबसूरत...
जवाब देंहटाएंआपकी टिपण्णी और उत्साहवर्धन के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत गज़ल ...शुक्रिया !
जवाब देंहटाएंwaah ji kya baat hai.
जवाब देंहटाएंअजी आप किस दुनिया में रहते है --
जवाब देंहटाएंहसीनो को आदत नही है रुलाने की
उन्हें तो बेचेनी है आपका घर बसने की !
केवलराम जी आपको होली की शुभकामनायें ।
जवाब देंहटाएंकृपया इसी टिप्पणी के प्रोफ़ायल से मेरा ब्लाग
सत्यकीखोज देखें ।
आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंसुंदर चित्रण..!!
जवाब देंहटाएंbas yoo samajh aaee ki ek aag kaa darya se aur doob ke jaanaa se....
जवाब देंहटाएंsundar rachna
जवाब देंहटाएंहोली वही जो स्वाधीनता की आन बन जाये
होली वही जो गणतंत्रता की शान बन जाये
भरो पिचकारियों में पानी ऐसे तीन रंगों का
जो कपड़ो पर गिरे तो हिंदुस्तान बन जाये
होली की हार्दिक शुभकामनाये
बहुत ही प्यारी ग़जल लिखी है आपने। साधुवाद।
जवाब देंहटाएंकेवल जी,
जवाब देंहटाएंआपकी शोध के विषय में जानकर बड़ी खुशी हुई, आप जल्दी से ब्लॉग साहित्य के डॉक्टर बन जाये, गाहे-बगाहे रिफ्रेशर्स की जरूरत सभी को होगी।
प्रस्तुत गज़ल की तारीफ में बस इतना ही कि......गुनगुना कर देखा बहुत भायी।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
होली पर मैं आपको तथा परिवार के लिए मंगल कामनाएं करता हूँ !
जवाब देंहटाएंरंगपर्व होली पर आपको व आपके परिवार को असीम शुभकामनायें......
जवाब देंहटाएंउनका शरमा जाना ही क़यामत की निशानी है !
जवाब देंहटाएंबचे रहो,अभी तो बाक़ी ज़िन्दगानी है !
बहुत खूब
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनायें।
http://rimjhim2010.blogspot.com/2011/03/blog-post_19.html
प्यार, इश्क और मोहब्बत यह तूने समझायाहर आशिक नहीं सहेगा , तुम्हारी कला सताने की
जवाब देंहटाएंचुभन जब भी होगी दिल सिहर सा उठेगाहसीनों को है ही आदत "केवल" रुलाने की.
.
केवल जी , बहुत ही अच्छी प्रस्तुति.... होली की हार्दिक शुभकामनायें
रंगों के पावन पर्व होली के शुभ अवसर पर आपको और आपके परिवारजनों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ...
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंअच्छी लगी आपकी गज़ल ,बधाई ....
जवाब देंहटाएंरंग-पर्व होली की आपको सपरिवार शुभकामनायें....
होली पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ|
जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंप्रिय केवलराम जी
जवाब देंहटाएंरंग भरा स्नेह भरा अभिवादन !
लीजिए दुबारा आ गए हैं …
आपको सपरिवार होली की हार्दिक बधाई !
♥ होली की शुभकामनाएं ! मंगलकामनाएं !♥
होली ऐसी खेलिए , प्रेम का हो विस्तार !
मरुथल मन में बह उठे शीतल जल की धार !!
- राजेन्द्र स्वर्णकार
आपको और समस्त परिवार को होली की हार्दिक बधाई और मंगल कामनाएँ ....
जवाब देंहटाएंरंग-पर्व पर हार्दिक बधाई.
जवाब देंहटाएंनेह और अपनेपन के
जवाब देंहटाएंइंद्रधनुषी रंगों से सजी होली
उमंग और उल्लास का गुलाल
हमारे जीवनों मे उंडेल दे.
आप को सपरिवार होली की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर
डोरोथी.
रंग के त्यौहार में
जवाब देंहटाएंसभी रंगों की हो भरमार
ढेर सारी खुशियों से भरा हो आपका संसार
यही दुआ है हमारी भगवान से हर बार।
आपको और आपके परिवार को होली की खुब सारी शुभकामनाये इसी दुआ के साथ आपके व आपके परिवार के साथ सभी के लिए सुखदायक, मंगलकारी व आन्नददायक हो। आपकी सारी इच्छाएं पूर्ण हो व सपनों को साकार करें। आप जिस भी क्षेत्र में कदम बढ़ाएं, सफलता आपके कदम चूम......
होली की खुब सारी शुभकामनाये........
सुगना फाऊंडेशन-मेघ्लासिया जोधपुर,"एक्टिवे लाइफ"और"आज का आगरा" बलोग की ओर से होली की खुब सारी हार्दिक शुभकामनाएँ..
holi ki dhero badhai aapko .
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत गज़ल कही है आप ने केवल .
जवाब देंहटाएंशुक्रिया होली पर्व की शुभकामनाओं हेतु .
आप को भी इस रंग पर्व की शुभकामनाएँ.
बहुत सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंआपको होली की शुभकामनायें !
खामोश होकर जब तुम चुपी साध लेती हो
जवाब देंहटाएंमदभरी आँखों से झलक दिखती है मयखाने की
.
आज होली के दिन और भी मज़ा आया पढने का.
आसमान से बिजलियाँ सी गिरती हैं तब
जवाब देंहटाएंचेहरे पर झलक जब दिखती है शर्माने की!
badi aashiqaana gazal hai miyaan !
bahot khoob 1 achha laga parh ke !
respected Ramji,aap really Ram hi hai,
जवाब देंहटाएंkitane achche vichar hai aapke......god bless u.
Behtreen....umda gajal...shubhkamna
जवाब देंहटाएं....खूबसूरत गज़ल केवल जी
जवाब देंहटाएंचुभन जब भी होगी दिल सिहर सा उठेगा
जवाब देंहटाएंहसीनों को है ही आदत "केवल" रुलाने की.
...........लाजवाब हम तो पढ़ के यूँ ही गुनगुनाये है !!!!
आसमान से बिजलियाँ सी गिरती हैं तब
जवाब देंहटाएंचेहरे पर झलक जब दिखती है शर्माने की
खामोश होकर जब तुम चुपी साध लेती हो
मदभरी आँखों से झलक दिखती है मयखाने की
दिल यादों का मंजर है किस -किस तरह याद करूँ
बस मेरी तो तबियत हो गयी है, गज़लें सुनाने की
वाह ..सीधी दिल से निकली बात ......गजल बन कर .......आ गई ..........सच्चे भाव की इस खुबसुरत रचना के लिए आपको दिल से बधाई हो , केवल जी ..