जाने कब चाँद , मेरी छत पर आएगा
मुझ में है जो तड़प , उसे कब बुझाएगा
सुहानी रात तो ढल चुकी
भोर का बावरा
लालिमा लेकर
कहीं दूर पहाड़ की चोटी से
मुझे सन्देश दे रहा है
बस दो पल की है , यह रात ......!
तुम मत बदलना अपने जज्बात ...!
इन्तजार है , नहीं खैरात ...!
आंगन में घास
कलियों में मोती सी ओंस की बूदें
हरिल हिय लेकर मैं सुस्ता रहा हूँ
बीते गीत , उलझी गजलें गुनगुना रहा हूँ .
चाँद आएगा ....मुझे हंसायेगा
बस फिर ...बस फिर ...
एक अलौकिक आनंद आएगा
दो दिलों के मिलन को बिछोड़ना
दुनिया का दस्तूर है
पर मुझ में भी प्यार भरपूर है
बस देख लूँ एक झलक उसे तो
मेरे मन में , अलौकिक आनंद आयेगा
उसे पाकर मेरा रोम रोम खिल जाएगा .
जब तक रहेगी दिल में तडपन
जब तक रहेगी उसमें ठंडक
उसके आलिंगन में रहूँगा
उसे पाने के लिए सब कुछ सहूंगा
आजा मेरे प्रीतम
बस आग है , तड़प है
इन्तजार है ....!
एक अलौकिक अहसास बेशुमार है
पिया तुमसे मिलन को दिल बेकरार है
बस तुम्हारा इन्तजार है ....इन्तजार है .
मुझ में है जो तड़प , उसे कब बुझाएगा
सुहानी रात तो ढल चुकी
भोर का बावरा
लालिमा लेकर
कहीं दूर पहाड़ की चोटी से
मुझे सन्देश दे रहा है
बस दो पल की है , यह रात ......!
तुम मत बदलना अपने जज्बात ...!
इन्तजार है , नहीं खैरात ...!
आंगन में घास
कलियों में मोती सी ओंस की बूदें
हरिल हिय लेकर मैं सुस्ता रहा हूँ
बीते गीत , उलझी गजलें गुनगुना रहा हूँ .
चाँद आएगा ....मुझे हंसायेगा
बस फिर ...बस फिर ...
एक अलौकिक आनंद आएगा
दो दिलों के मिलन को बिछोड़ना
दुनिया का दस्तूर है
पर मुझ में भी प्यार भरपूर है
बस देख लूँ एक झलक उसे तो
मेरे मन में , अलौकिक आनंद आयेगा
उसे पाकर मेरा रोम रोम खिल जाएगा .
जब तक रहेगी दिल में तडपन
जब तक रहेगी उसमें ठंडक
उसके आलिंगन में रहूँगा
उसे पाने के लिए सब कुछ सहूंगा
आजा मेरे मितवा
आजा मेरे प्रीतम
बस आग है , तड़प है
इन्तजार है ....!
एक अलौकिक अहसास बेशुमार है
पिया तुमसे मिलन को दिल बेकरार है
बस तुम्हारा इन्तजार है ....इन्तजार है .
बहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लाजवाब रचना लिखा है आपने! आपकी लेखनी को सलाम! उम्दा प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://www।seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen।blogspot.com/
अद्भुत ...केवल....बहुत भावपूर्ण! आनन्द आ गया.
जवाब देंहटाएंआंगन में घास
जवाब देंहटाएंकलियों में मोती सी ओंस की बूदें
हरिल हिय लेकर मैं सुस्ता रहा हूँ
बीते गीत , उलझी गजलें गुनगुना रहा हूँ .
कोमल भाव, सुंदर मनभावन रचना ......
इंतज़ार के पल ऐसे ही लगते होंगे ..खूबसूरत अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंआशा है इंताजर पूरा होगा |
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत कविता....परिपक्व भी
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत एहसास ... सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह वाह …………आज तो इंतज़ार को मुकम्मल कर दिया।
जवाब देंहटाएंआंगन में घास
जवाब देंहटाएंकलियों में मोती सी ओंस की बूदें
हरिल हिय लेकर मैं सुस्ता रहा हूँ
बीते गीत , उलझी गजलें गुनगुना रहा हूँ .
सुन्दर कोमल अहसास...बहुत सुन्दर भावमयी रचना..
सुंदर मनभावन रचना
जवाब देंहटाएंएक इन्तजार ही कितना कुछ दे जाता है।
जवाब देंहटाएं....अद्भुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंएक और सुन्दर कविता आपकी कलम से !
आंगन में घास
जवाब देंहटाएंकलियों में मोती सी ओंस की बूदें
हरिल हिय लेकर मैं सुस्ता रहा हूँ
बीते गीत , उलझी गजलें गुनगुना रहा हूँ .
बहुत सुंदर ..... कमाल की पंक्तियाँ हैं केवल जी
आजा मेरे मितवा
जवाब देंहटाएंआजा मेरे प्रीतम
बस आग है , तड़प है
इन्तजार है ....!
बस तुम्हारा इन्तजार है ....इन्तजार है .
केवल जी बहुत अच्छी भावनाएं हैं इन पंक्तियों में, दिल को छूती रचना..........
प्रतीक्षारत उत्साह बना रहता है
जवाब देंहटाएंचाँद आएगा ....मुझे हंसायेगा
जवाब देंहटाएंबस फिर ...बस फिर ...
एक अलौकिक आनंद आएगा
दो दिलों के मिलन को बिछोड़ना
दुनिया का दस्तूर है
पर मुझ में भी प्यार भरपूर है
बस देख लूँ एक झलक उसे तो
मेरे मन में , अलौकिक आनंद आयेगा
उसे पाकर मेरा रोम रोम खिल जाएगा .
behad umda rachana.....badhai
आंगन में घास
जवाब देंहटाएंकलियों में मोती सी ओंस की बूदें
हरिल हिय लेकर मैं सुस्ता रहा हूँ
बीते गीत , उलझी गजलें गुनगुना रहा हूँ ....
बहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लाजवाब रचना........
इन्तजार....... उस पर अलौकिक आनंद...... बहुत खूबसूरत से अहसास.. बेमिसाल.........
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति दी है आपने चाँद को लेकर!
जवाब देंहटाएं--
वैसे हमने भी सिर घुटवा लिया है!
दिन और रात दोनों में ही चाँद खूब चमक रहा है!
--
http://uchcharan.blogspot.com/2011/05/blog-post_3131.html
वाह बेहद खूबसूरत इंतज़ार है..बहुत ही भावपूर्ण .
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रोमांटिक रचना है ,यही उम्र है ऐसी रचनाओं के लिए ,बाद में समय नहीं मिलेगा |
जवाब देंहटाएंइंतज़ार ढल गया शब्दों में ...
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण !
इंतजार के अहसास को और भी मीठा बना दिया । बढ़िया ।
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar
जवाब देंहटाएंthoda intejaar ka maja lijiye....
आयेगा आने वाला आयेगा चिंता न करें इंतजार का फ़ल मीठा होता है ।
जवाब देंहटाएंप्यार में तड़प न हो तो प्यार कैसा. भावपूर्ण प्रस्तुति. आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लाजवाब रचना| आभार|
जवाब देंहटाएंएक अति सुंदर ओर लाजवाब प्रस्तुति!!
जवाब देंहटाएंadhbut pyar aur uska intjar.. bhut hi acchi rachna...
जवाब देंहटाएंजी तो चाहता है कि कह दूं कि यह इंतज़ार कभी खतम ही न हो!! वरना कहाँ से जन्म लेगा यह विरह गीत!!
जवाब देंहटाएंबेहत खूबसूरत इंतज़ार ...
जवाब देंहटाएंआदरणीय केवल रामजी,
जवाब देंहटाएंनमस्कार
चाँद आएगा ....मुझे हंसायेगा
बस फिर ...बस फिर ...
एक अलौकिक आनंद आएगा
दो दिलों के मिलन को बिछोड़ना
दुनिया का दस्तूर है
पर मुझ में भी प्यार भरपूर है
बस देख लूँ एक झलक उसे तो
मेरे मन में , अलौकिक आनंद आयेगा
उसे पाकर मेरा रोम रोम खिल जाएगा .
सहज, सरल शब्दों के प्रयोग से सुंदर भावाभिव्यक्ति! बहुत अच्छी प्रस्तुति!
सुहानी रात तो ढल चुकी
जवाब देंहटाएंभोर का बावरा
लालिमा लेकर
कहीं दूर पहाड़ की चोटी से
मुझे सन्देश दे रहा है
बस दो पल की है , यह रात ......!
तुम मत बदलना अपने जज्बात ...!
किसी के आने की ख़ुशी..
छुपाये नहीं छुपती..
किसी न किसी तरह बयां हो ही जाती है !!
कहने को बहुत कुछ है
जवाब देंहटाएंमगर कैसे कहें हम
अल्फाज़ न दे साथ तो
बेहतर है कि....
चुप ही रहें हम...!!
आदरणीय ,भैया जी सप्रेम साहित्याभिवादन ..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिब्यक्ति ...हार्दिक बधाई ...
सादर
लक्ष्मी नारायण लहरे
क्या बात है। बढिया है.
जवाब देंहटाएंबस देख लूँ एक झलक उसे तो
जवाब देंहटाएंमेरे मन में , अलौकिक आनंद आयेगा
बहुत सुंदर भाव और अभिव्यक्ति...
प्यार के तड़प को आपने बखुबी अपने शब्दों में ढाला है। खुबसुरत कविता।
जवाब देंहटाएंआंगन में घास
जवाब देंहटाएंकलियों में मोती सी ओंस की बूदें
हरिल हिय लेकर मैं सुस्ता रहा हूँ
बीते गीत , उलझी गजलें गुनगुना रहा हूँ .
बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना...सुन्दर अभिव्यक्ति...
बना रहे यह एहसास.
जवाब देंहटाएंsei un bel poeta, pieno di sentimenti che sembrano passati dall'Italia. Con la Milano da bere e la Roma da ritrovare e da vedere rinascere e rifiorire. Due cuori da riunire quando la luna tornerà sulla tua casa.
जवाब देंहटाएंCiao
आंगन में घास
जवाब देंहटाएंकलियों में मोती सी ओंस की बूदें
हरिल हिय लेकर मैं सुस्ता रहा हूँ
बीते गीत , उलझी गजलें गुनगुना रहा हूँ .
sunder bhav uttam kavita
badhai
rachana
अलौकिक अहसास से भरपूर आपकी कविता के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंआप ने दिल के भावों को बहुत खूबसूरती से व्यक्त किया है.
इंतज़ार कई बार मिलन से ज़्यादा खूबसूरत होता है.
"जो मज़ा इंतज़ार में है,वो वसले यार में कहाँ."
पर जब इंतज़ार उस मालिक दो जहां का होता है
तो और भी खूबसूरत हो जाता है.मिलन जब होगा तो उस हालत का बयां नहीं सकती है कलम.
वो तो सिर्फ महसूस करने की बात है.
आप को यह इंतज़ार मुबारक.
भक्ति को नयी राह दिखा रहे आप.
तहे दिल से शुक्रिया.
बहुत ही सुंदर कहा है आपने - बस आग है , तड़प है, इन्तजार है ....!
जवाब देंहटाएंमे सोच रहा था कि कब आपका मोन व्रत टूटेगा, वो टूटा तो पाया
पिया मिलन को दिल बेकरार है, इंतज़ार है.
इक लम्बे इंतज़ार के बाद क्या कयामत ढाई है.
गम की अंधेरी रात में दिल को न बेकरार कर....
जवाब देंहटाएंkewal ji
जवाब देंहटाएंbahut hi bheegi-bheegi jajbaato se sarabor hai aapki rachna .aur unhe shandaar tareeke abhivykt bhi kiya hai aapne
bahut bahut bahut badhai
poonam
इंतज़ार में आनंद है ! शुभकामनायें आपको !
जवाब देंहटाएंजाने कब चाँद , मेरी छत पर आएगा
जवाब देंहटाएंमुझ में है जो तड़प , उसे कब बुझाएगा.
कोमल भाव, सुंदर मनभावन रचना. बधाई.
सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंगहरे भाव
सच में केवल जी आपकी रचनाओं में गजब की कशिश है
बहुत सुन्दर ...
जवाब देंहटाएंइंतज़ार के खूबसूरत क्षण ..........
जवाब देंहटाएंसुन्दर भावाभिव्यक्ति..........
प्रेम रस में डूबी ....विरह वेदना ढोती......सुन्दर रचना
हमारे आँगन चाँद नहीं आता है,इसलिए जाने का डर नहीं होता,
जवाब देंहटाएंखुले आसमां के दीदार भी नहीं होते,इस लिहाज से सपने भी नहीं देखता हूँ !
आप फिर भी सौभाग्यशाली हैं !
इन्तजार के पलों और म्रदु अहसासों को बहुत खूबसूरती से चित्रित किया है
जवाब देंहटाएंप्यार हो
जवाब देंहटाएंऔर इंतजार ना हो :
तो प्यार किस काम का "
खुव सुरती के सामने :खूवसुरत गजल ना हो तो :
केवल राम किस कामका :
तुम मत बदलना अपने जज्बात ...!
जवाब देंहटाएंइन्तजार है , नहीं खैरात ...!
laazwaab
यह कैसा इंतजार है केवल जी
जवाब देंहटाएंआपका तो बुरा हाल है केवल जी
आपका प्यार भरपूर है
तो उसके हुस्न का भी तो अपना नूर है,
यह आग,यह तडफ,यह बेकरारी
इंतजार कीजिये,आएगी आपकी भी बारी.