07 जून 2011

मेरी हर सोच

मेरी  हर सोच अनलिखी कहानी हो गयी
मेरी हर ग़ज़ल अब पुरानी हो गयी .

सपना था सजाया जो कल्पनाओं में
उन सपनों की महफ़िल वीरानी हो गयी .

हर पल जिन्हें निहारने को तरसती  निगाहें
वक़्त के फेर में उनसे बे ईमानी हो गयी .
 
सजते थे सपने खूब आज वक्त  ने याद दिलाया
उन्हें पाने की तमन्ना में नादानी हो गयी .

लाख कोशिश की 'केवल' उन्हें भूलने की
उनकी तस्वीर अब  मेरी जिंदगानी हो गयी .

76 टिप्‍पणियां:

  1. सजते थे सपने खूब आज वक्त ने याद दिलाया
    उन्हें पाने की तमन्ना में नादानी

    सुंदर भाव.... समय के बहुत कुछ बदल जाता है ..यह समय ही याद दिलाता है...

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  2. उनकी बेईमानी ने इतनी खूबसूरत ग़ज़ल लिखवा दी ...
    ये भी क्या कम हैं जो इश्क के सितम है ...
    दूर सही मगर साथ यादें हमकदम हैं !

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  3. bhut hi khubsurat bhaavo saji rachna... very nice...

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  4. बहुत उम्दा केवल भाई.

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  5. तस्वीर को दिल से लगाए रखिये ,
    कोरे कागज पर कलम चलाते रहिये !

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  6. बहुत सुन्दर भावों से सजी सुन्दर कविता| धन्यवाद|

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  7. बहुत सुन्दर भावों से सजी सुन्दर कविता| धन्यवाद|

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  8. तक़दीर का सारा खेल है ये और वक़्त की हेराफेरी है ...

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  9. सजते थे सपने खूब आज वक्त ने याद दिलाया
    उन्हें पाने की तमन्ना में नादानी हो गयी...

    Beautiful expression !

    .

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  10. tasveer jab jindagi hai, to wo kya hongi...........:)

    batana kewal bhai..!!

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  11. भावपूर्ण ग़ज़ल ।
    ग़ज़ल लिखने का प्रयास अच्छा है ।

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  12. अरे ये अश्क अभी तू इन्तजार कर इस जमीपे गिरने के लिए :
    अभी तो जमाने में पत्थर बहुत है मुहब्बत में ठोकर खाने के लिए :
    एक तू ही तो है जो इन आखो में रहता है :
    तेरे सिबा है ही कौन इन आखो में बसाने के लिए :
    अरे ये अश्क अभी तू इन्तजार कर इस जमीपे गिरने के लिए :
    अभी तो जमाने में पत्थर बहुत है मुहब्बत में ठोकर खाने के लिए :

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  13. लाख कोशिश की 'केवल' उन्हें भूलने की
    उनकी तस्वीर अब मेरी जिंदगानी हो गयी..
    दिल को छू गयी ये पंक्तियाँ! बहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना!

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  14. जते थे सपने खूब आज वक्त ने याद दिलाया
    उन्हें पाने की तमन्ना में नादानी हो गयी .

    लाख कोशिश की 'केवल' उन्हें भूलने की
    उनकी तस्वीर अब मेरी जिंदगानी हो गयी .
    वाह ... हर पंक्ति बेहतरीन भावों के साथ ..।

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  15. वाह वा वाह वा..........आज तो माईलों मीटर भी तोड़ दिया... सुभान अल्ला

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  16. भावानाओ को बखुबी व्यक्त किया आपने बधाई हो आपको !

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  17. क्या बात है आज तो भावनाओं के ज्वार ने हर बांध तोड दि्या।

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  18. सजते थे सपने खूब आज वक्त ने याद दिलाया
    उन्हें पाने की तमन्ना में नादानी हो गयी .

    bahut hi khoob kaha kewal ji.
    har line dil ko chhu gai.

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  19. लाख कोशिश की 'केवल' उन्हें भूलने की
    उनकी तस्वीर अब मेरी जिंदगानी हो गयी ...


    बहुत खूब ... जो एक बार दिल में घर बना लें उन्हे भूलना आसान नही होता ... खूबसूरत ग़ज़ल है ....

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  20. मेरी हर सोच अनलिखी कहानी हो गयी
    मेरी हर ग़ज़ल अब पुरानी हो गयी
    बहुत ही उम्दा शब्द है.....केवल राम जी

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  21. बहुत खूब केवल जी....खूबसूरत ग़ज़ल

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  22. सपना था सजाया जो कल्पनाओं में
    उन सपनों की महफ़िल वीरानी हो गयी .
    बहुत सुन्दर पंक्तियाँ है ..

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  23. अरे मेरे भाई! बहुत ही दर्द है, पर ये जिन्दगी है ! ऐसे मुकाम हर मोड़ पर देखने को मिलेंगे

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  24. उनकी तस्वीर अब मेरी जिंदगानी हो गयी

    >तस्वीर देख बुढापा फिर जवानी हो गयी :)

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  25. हर पल जिन्हें निहारने को तरसती निगाहें
    वक़्त के फेर में उनसे बे ईमानी हो गयी .
    ************
    ये वक्त ही कम्बक्त क्या इल्म है,
    सीखा देता है बेईमानी.
    बहुत खूब कहा.

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  26. सपना था सजाया जो कल्पनाओं में
    उन सपनों की महफ़िल वीरानी हो गयी .

    बहुत सुंदर शेर.....
    बहुत अच्छी ग़ज़ल...

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  27. पूरी रचना बहुत अच्छी लगी। बधाई।

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  28. आपकी पोस्ट कल चर्चा मंच का हिस्सा होंगी नजर डालियेगा

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  29. आपने याद दिलाया तो मुझे याद आया....

    बहुत भाव पूर्ण प्रस्तुति..!!

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  30. मेरी हर सोच अनलिखी कहानी हो गयी
    मेरी हर ग़ज़ल अब पुरानी हो गयी . ... waah

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  31. भाई केवल जी, आपकी खूबसूरत ग़ज़ल पर एक पुराना शेर याद आ गया;
    दिल की धड़कन देख ली दिल की तमन्ना देख ली, झांक कर चिलमन से किसने मेरी दुनिया देख ली.

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  32. बहुत अच्छी लगी आप की यह रचना.

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  33. मेरी हर सोच अनलिखी कहानी हो गयी
    मेरी हर ग़ज़ल अब पुरानी हो गयी .

    सपना था सजाया जो कल्पनाओं में
    उन सपनों की महफ़िल वीरानी हो गयी .
    waah bahut khoob likha hai

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  34. संवेदनशील शिल्प मार्मिक है --
    सजते थे सपने खूब आज वक्त ने याद दिलाया
    उन्हें पाने की तमन्ना में नादानी ..
    बधाई .....

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  35. बेनामी8/6/11 7:14 am

    सजते थे सपने खूब आज वक्त ने याद दिलाया
    उन्हें पाने की तमन्ना में नादानी हो गयी . ..wah bahut khoob...

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  36. लाख कोशिश की 'केवल' उन्हें भूलने की
    उनकी तस्वीर अब मेरी जिंदगानी हो गयी.

    खूबसूरत शेर और खूबसूरत गज़ल.शुभकामनाएँ.

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  37. यादें जीवन का स्वरुप हैं ...शुभकामनायें केवल राम !

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  38. पर तस्वीर तेरी क्या "मेरा" दिल बहला पाएगी ?

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  39. बहुत मर्मस्पर्शी वैचारिक रचना...

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  40. बहुत सुन्दर गजल ...अच्छा लगा यहाँ आकर ..बधाई
    ___________________

    'पाखी की दुनिया ' में आपका स्वागत है !!

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  41. बहुत सुन्दर भाव की गज़ल

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  42. उम्दा ग़ज़ल कही है केवल भाई...
    सादर शुभकामनाये....

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  43. wah ram
    kabhi mere blog par bhi aaye aane ke liye yaha click kare-"samrat bundelkhand"

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  44. उम्दा,बेहतरीन ग़ज़ल

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  45. हर पल जिन्हें निहारने को तरसती निगाहें
    वक़्त के फेर में उनसे बे ईमानी हो गयी .
    bahut khoob
    rachana

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  46. मेरी हर सोच अनलिखी कहानी हो गयी
    मेरी हर ग़ज़ल अब पुरानी हो गयी........

    "उनकी तस्वीर अब मेरी जिंदगानी हो गयी ..."
    वाह...उनकी तस्वीर ही जिंदगानी हो गई...जवाब नहीं...
    सुन्दर भावनाओ से भरी मन को गहराई तक छू रही है हर एक पंक्ति... बहुत सुन्‍दर रचना...

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  47. लाख कोशिश की केवल उन्हें भूलने की ,
    उनकी तस्वीर मेरी जिंदगानी हो गई ।
    ग़ज़ल पुरानी होना चाहे हो जाए ।
    प्यार मोहब्बत केवल कभी पुरानी नहीं होती

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  48. मेरी हर सोच अनलिखी कहानी हो गयी
    मेरी हर ग़ज़ल अब पुरानी हो गयी .

    बहुत सुन्दर ....

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  49. kevalji sundar prastuti...kavyadhara men aap apna dil nikal kar rakh dete hain...vadhayi!!!!

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  50. लाख कोशिश की 'केवल' उन्हें भूलने की
    उनकी तस्वीर अब मेरी जिंदगानी हो गयी .
    -----------------------------------
    बहुत सुन्दर.........

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  51. भावानुभूतियों की सुन्दर अभिव्यक्ति
    ...............................हर शेर अर्थपूर्ण

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  52. बेनामी18/6/11 11:08 pm

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  53. बहुत अच्छा लिखा है सर!
    -----------------------------------
    कल 21/06/2011को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की गयी है-
    आपके विचारों का स्वागत है .
    धन्यवाद
    नयी-पुरानी हलचल

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  54. आपकी गजल पुरानी होकर भी नित नित नई होती जा रहीं हैं.क्यूंकि उनकी तस्वीर को आपने अब अपनी जिंदगानी ही बना लिया है.'केवल'जी आप उनको भूलने की कोशिश ही क्यूँ कर रहें हैं अब.

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  55. भावनाओ के समंदर की लहरों ने सबको गीला कर दिया..........बहुत उत्कृष्ट रचना

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  56. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  57. वाह ....नब्ज़-ए-ज़िन्दगी पकड़ कर ये शायरी लिखी है ...!!
    बहुत सुंदर ...!!
    शुभकामनायें.

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  58. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  59. सजते थे सपने खूब आज वक्त ने याद दिलाया
    उन्हें पाने की तमन्ना में नादानी हो गयी .
    bahoot khoob kevalji sunder gajal.badhaai aapko.
    happy friendship day.
    / ब्लोगर्स मीट वीकली (३) में सभी ब्लोगर्स को एक ही मंच पर जोड़ने का प्रयास किया गया है / आप आइये और अपने विचारों से हमें अवगत कराइये/ हमारी कामना है कि आप हिंदी की सेवा यूं ही करते रहें। सोमवार ०८/०८/११ कोब्लॉगर्स मीट वीकली (3) Happy Friendship Day में आप आमंत्रित हैं /

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जब भी आप आओ , मुझे सुझाब जरुर दो.
कुछ कह कर बात ऐसी,मुझे ख्वाब जरुर दो.
ताकि मैं आगे बढ सकूँ........केवल राम.