मेरी हर सोच अनलिखी कहानी हो गयी
मेरी हर ग़ज़ल अब पुरानी हो गयी .
सपना था सजाया जो कल्पनाओं में
उन सपनों की महफ़िल वीरानी हो गयी .
हर पल जिन्हें निहारने को तरसती निगाहें
वक़्त के फेर में उनसे बे ईमानी हो गयी .
सजते थे सपने खूब आज वक्त ने याद दिलाया
उन्हें पाने की तमन्ना में नादानी हो गयी .
लाख कोशिश की
'केवल' उन्हें भूलने की
उनकी तस्वीर अब मेरी जिंदगानी हो गयी .
सजते थे सपने खूब आज वक्त ने याद दिलाया
जवाब देंहटाएंउन्हें पाने की तमन्ना में नादानी
सुंदर भाव.... समय के बहुत कुछ बदल जाता है ..यह समय ही याद दिलाता है...
उनकी बेईमानी ने इतनी खूबसूरत ग़ज़ल लिखवा दी ...
जवाब देंहटाएंये भी क्या कम हैं जो इश्क के सितम है ...
दूर सही मगर साथ यादें हमकदम हैं !
bhut hi khubsurat bhaavo saji rachna... very nice...
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा केवल भाई.
जवाब देंहटाएंतस्वीर को दिल से लगाए रखिये ,
जवाब देंहटाएंकोरे कागज पर कलम चलाते रहिये !
बहुत सुन्दर भावों से सजी सुन्दर कविता| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावों से सजी सुन्दर कविता| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भाव संप्रेषण।
जवाब देंहटाएंतक़दीर का सारा खेल है ये और वक़्त की हेराफेरी है ...
जवाब देंहटाएंसजते थे सपने खूब आज वक्त ने याद दिलाया
जवाब देंहटाएंउन्हें पाने की तमन्ना में नादानी हो गयी...
Beautiful expression !
.
tasveer jab jindagi hai, to wo kya hongi...........:)
जवाब देंहटाएंbatana kewal bhai..!!
shimla ka airticket lekar jaldi se mere blog pe aana..........:D
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण ग़ज़ल ।
जवाब देंहटाएंग़ज़ल लिखने का प्रयास अच्छा है ।
अरे ये अश्क अभी तू इन्तजार कर इस जमीपे गिरने के लिए :
जवाब देंहटाएंअभी तो जमाने में पत्थर बहुत है मुहब्बत में ठोकर खाने के लिए :
एक तू ही तो है जो इन आखो में रहता है :
तेरे सिबा है ही कौन इन आखो में बसाने के लिए :
अरे ये अश्क अभी तू इन्तजार कर इस जमीपे गिरने के लिए :
अभी तो जमाने में पत्थर बहुत है मुहब्बत में ठोकर खाने के लिए :
Bhav poorna rachna...
जवाब देंहटाएंलाख कोशिश की 'केवल' उन्हें भूलने की
जवाब देंहटाएंउनकी तस्वीर अब मेरी जिंदगानी हो गयी..
दिल को छू गयी ये पंक्तियाँ! बहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना!
जते थे सपने खूब आज वक्त ने याद दिलाया
जवाब देंहटाएंउन्हें पाने की तमन्ना में नादानी हो गयी .
लाख कोशिश की 'केवल' उन्हें भूलने की
उनकी तस्वीर अब मेरी जिंदगानी हो गयी .
वाह ... हर पंक्ति बेहतरीन भावों के साथ ..।
वाह वा वाह वा..........आज तो माईलों मीटर भी तोड़ दिया... सुभान अल्ला
जवाब देंहटाएंभावानाओ को बखुबी व्यक्त किया आपने बधाई हो आपको !
जवाब देंहटाएंक्या बात है आज तो भावनाओं के ज्वार ने हर बांध तोड दि्या।
जवाब देंहटाएंसजते थे सपने खूब आज वक्त ने याद दिलाया
जवाब देंहटाएंउन्हें पाने की तमन्ना में नादानी हो गयी .
bahut hi khoob kaha kewal ji.
har line dil ko chhu gai.
संप्रेषित भाव अनमोल हैं
जवाब देंहटाएंलाख कोशिश की 'केवल' उन्हें भूलने की
जवाब देंहटाएंउनकी तस्वीर अब मेरी जिंदगानी हो गयी ...
बहुत खूब ... जो एक बार दिल में घर बना लें उन्हे भूलना आसान नही होता ... खूबसूरत ग़ज़ल है ....
मेरी हर सोच अनलिखी कहानी हो गयी
जवाब देंहटाएंमेरी हर ग़ज़ल अब पुरानी हो गयी
बहुत ही उम्दा शब्द है.....केवल राम जी
बहुत खूब केवल जी....खूबसूरत ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंkuch pareshaniyo ke chale net par nahi aa pa raha hoon
जवाब देंहटाएंसपना था सजाया जो कल्पनाओं में
जवाब देंहटाएंउन सपनों की महफ़िल वीरानी हो गयी .
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ है ..
अरे मेरे भाई! बहुत ही दर्द है, पर ये जिन्दगी है ! ऐसे मुकाम हर मोड़ पर देखने को मिलेंगे
जवाब देंहटाएंउनकी तस्वीर अब मेरी जिंदगानी हो गयी
जवाब देंहटाएं>तस्वीर देख बुढापा फिर जवानी हो गयी :)
हर पल जिन्हें निहारने को तरसती निगाहें
जवाब देंहटाएंवक़्त के फेर में उनसे बे ईमानी हो गयी .
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ये वक्त ही कम्बक्त क्या इल्म है,
सीखा देता है बेईमानी.
बहुत खूब कहा.
सपना था सजाया जो कल्पनाओं में
जवाब देंहटाएंउन सपनों की महफ़िल वीरानी हो गयी .
बहुत सुंदर शेर.....
बहुत अच्छी ग़ज़ल...
पूरी रचना बहुत अच्छी लगी। बधाई।
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट कल चर्चा मंच का हिस्सा होंगी नजर डालियेगा
जवाब देंहटाएंआपने याद दिलाया तो मुझे याद आया....
जवाब देंहटाएंबहुत भाव पूर्ण प्रस्तुति..!!
मेरी हर सोच अनलिखी कहानी हो गयी
जवाब देंहटाएंमेरी हर ग़ज़ल अब पुरानी हो गयी . ... waah
भाई केवल जी, आपकी खूबसूरत ग़ज़ल पर एक पुराना शेर याद आ गया;
जवाब देंहटाएंदिल की धड़कन देख ली दिल की तमन्ना देख ली, झांक कर चिलमन से किसने मेरी दुनिया देख ली.
बहुत अच्छी लगी आप की यह रचना.
जवाब देंहटाएंप्रशंसनीय!!
जवाब देंहटाएंमेरी हर सोच अनलिखी कहानी हो गयी
जवाब देंहटाएंमेरी हर ग़ज़ल अब पुरानी हो गयी .
सपना था सजाया जो कल्पनाओं में
उन सपनों की महफ़िल वीरानी हो गयी .
waah bahut khoob likha hai
thoughtful lines
जवाब देंहटाएंसंवेदनशील शिल्प मार्मिक है --
जवाब देंहटाएंसजते थे सपने खूब आज वक्त ने याद दिलाया
उन्हें पाने की तमन्ना में नादानी ..
बधाई .....
सजते थे सपने खूब आज वक्त ने याद दिलाया
जवाब देंहटाएंउन्हें पाने की तमन्ना में नादानी हो गयी . ..wah bahut khoob...
लाख कोशिश की 'केवल' उन्हें भूलने की
जवाब देंहटाएंउनकी तस्वीर अब मेरी जिंदगानी हो गयी.
खूबसूरत शेर और खूबसूरत गज़ल.शुभकामनाएँ.
यादें जीवन का स्वरुप हैं ...शुभकामनायें केवल राम !
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत गज़ल
जवाब देंहटाएंपर तस्वीर तेरी क्या "मेरा" दिल बहला पाएगी ?
जवाब देंहटाएंबडी बात कह गये आप।
जवाब देंहटाएं---------
बाबूजी, न लो इतने मज़े...
चलते-चलते बात कहे वह खरी-खरी।
bahut hi sudnar gazal ban padi hai!
जवाब देंहटाएंबहुत मर्मस्पर्शी वैचारिक रचना...
जवाब देंहटाएंsudar abhibykti
जवाब देंहटाएंhardik badhai ....
बहुत सुन्दर गजल ...अच्छा लगा यहाँ आकर ..बधाई
जवाब देंहटाएं___________________
'पाखी की दुनिया ' में आपका स्वागत है !!
बहुत सुन्दर भाव की गज़ल
जवाब देंहटाएंउम्दा ग़ज़ल कही है केवल भाई...
जवाब देंहटाएंसादर शुभकामनाये....
wah ram
जवाब देंहटाएंkabhi mere blog par bhi aaye aane ke liye yaha click kare-"samrat bundelkhand"
अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंउम्दा,बेहतरीन ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंहर पल जिन्हें निहारने को तरसती निगाहें
जवाब देंहटाएंवक़्त के फेर में उनसे बे ईमानी हो गयी .
bahut khoob
rachana
बढ़िया कविता...
जवाब देंहटाएंbahut khoob
जवाब देंहटाएंमेरी हर सोच अनलिखी कहानी हो गयी
जवाब देंहटाएंमेरी हर ग़ज़ल अब पुरानी हो गयी........
"उनकी तस्वीर अब मेरी जिंदगानी हो गयी ..."
वाह...उनकी तस्वीर ही जिंदगानी हो गई...जवाब नहीं...
सुन्दर भावनाओ से भरी मन को गहराई तक छू रही है हर एक पंक्ति... बहुत सुन्दर रचना...
लाख कोशिश की केवल उन्हें भूलने की ,
जवाब देंहटाएंउनकी तस्वीर मेरी जिंदगानी हो गई ।
ग़ज़ल पुरानी होना चाहे हो जाए ।
प्यार मोहब्बत केवल कभी पुरानी नहीं होती
मेरी हर सोच अनलिखी कहानी हो गयी
जवाब देंहटाएंमेरी हर ग़ज़ल अब पुरानी हो गयी .
बहुत सुन्दर ....
kevalji sundar prastuti...kavyadhara men aap apna dil nikal kar rakh dete hain...vadhayi!!!!
जवाब देंहटाएंलाख कोशिश की 'केवल' उन्हें भूलने की
जवाब देंहटाएंउनकी तस्वीर अब मेरी जिंदगानी हो गयी .
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बहुत सुन्दर.........
भावानुभूतियों की सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएं...............................हर शेर अर्थपूर्ण
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बहुत अच्छा लिखा है सर!
जवाब देंहटाएं-----------------------------------
कल 21/06/2011को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की गयी है-
आपके विचारों का स्वागत है .
धन्यवाद
नयी-पुरानी हलचल
आपकी गजल पुरानी होकर भी नित नित नई होती जा रहीं हैं.क्यूंकि उनकी तस्वीर को आपने अब अपनी जिंदगानी ही बना लिया है.'केवल'जी आप उनको भूलने की कोशिश ही क्यूँ कर रहें हैं अब.
जवाब देंहटाएंभावनाओ के समंदर की लहरों ने सबको गीला कर दिया..........बहुत उत्कृष्ट रचना
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंbahut accha
जवाब देंहटाएंmy blog link- "samrat bundelkhand"
wah wah....
जवाब देंहटाएंवाह ....नब्ज़-ए-ज़िन्दगी पकड़ कर ये शायरी लिखी है ...!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ...!!
शुभकामनायें.
wah wah ..kya kahane
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसजते थे सपने खूब आज वक्त ने याद दिलाया
जवाब देंहटाएंउन्हें पाने की तमन्ना में नादानी हो गयी .
bahoot khoob kevalji sunder gajal.badhaai aapko.
happy friendship day.
/ ब्लोगर्स मीट वीकली (३) में सभी ब्लोगर्स को एक ही मंच पर जोड़ने का प्रयास किया गया है / आप आइये और अपने विचारों से हमें अवगत कराइये/ हमारी कामना है कि आप हिंदी की सेवा यूं ही करते रहें। सोमवार ०८/०८/११ कोब्लॉगर्स मीट वीकली (3) Happy Friendship Day में आप आमंत्रित हैं /