एक ग़ज़ल अपने कॉलेज के दिनों की डायरी से .....ख्यालों -ख्वाबों -सपनों का क्या है ? ना जाने कब दिल में आ जाएँ और अपना प्रभाव छोड़ कर चले जाएँ , किसी की यादों में, हम सोचते रह जाएँ उनके बारे में कुछ यूँ .....!
नादाँ हूँ बहुत तुम मुझे अपनाया करो
गर हो जाए खता , तुम समझाया करो
प्यार में भला बदलेंगे कैसे नहीं हम
कमियाँ हैं जो जिन्दगी में , बतलाया करो
तुम्हारे पास होने तक ही तो है मेरी दुनिया
गर आये आँख में आंसू , उधार ले जाया करो
मरहम जख्मी दिल को है मिला चंद रोज
शोला गर भड़क उठे ,पानी तुम गिराया करो
गर हो जाए खता , तुम समझाया करो
प्यार में भला बदलेंगे कैसे नहीं हम
कमियाँ हैं जो जिन्दगी में , बतलाया करो
तुम्हारे पास होने तक ही तो है मेरी दुनिया
गर आये आँख में आंसू , उधार ले जाया करो
मरहम जख्मी दिल को है मिला चंद रोज
शोला गर भड़क उठे ,पानी तुम गिराया करो
आदत है ही नहीं मुझे जाम पीने की
भाई केवल राम जी सुन्दर गजल| दशहरा पर्व की शुभकामनाओं के साथ
जवाब देंहटाएंभाई केवल राम जी सुन्दर गजल| दशहरा पर्व की शुभकामनाओं के साथ
जवाब देंहटाएं@आदत है ही नहीं मुझे जाम पीने की
जवाब देंहटाएंनजरों के मयखाने में मय पिलाया करो
मंहगी हुई है दारु बहुत
मेरा खर्चा बचाया करो :)
वाह ...बहुत ही बढि़या ।
जवाब देंहटाएंप्यार में भला बदलेंगे कैसे नहीं हम
जवाब देंहटाएंकमियाँ हैं जो जिन्दगी में , बतलाया करो ...
वाह...लाजवाब रचना... कितने मासूम भाव हैं इस रचना में तारीफ के लिए शब्द कम पड़ गए हैं ...
बहुत खूब केवल भाई
जवाब देंहटाएंबेहतरीन गज़ल
waah ji waah...
जवाब देंहटाएंbahut dino baad aapki ghazal padhi, jo hamesha ki tarah lajwaab hai...
"kami batlane wale hi to pane hote hain, sahi mayanon mei... "
behtareen...
बहुत खूबसूरत गज़ल ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गज़ल्………
जवाब देंहटाएंआदत है ही नहीं मुझे जाम पीने की
जवाब देंहटाएंनजरों के पैमाने से पिलाया करो
बहुत सुन्दर ग़ज़ल लिखी है .
बधाई .
सुन्दर, प्रेमभावों से परिपूर्ण रचना
जवाब देंहटाएंउम्दा गज़ल है.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब केवल भाई
जवाब देंहटाएंबेहतरीन गज़ल
अच्छी ग़ज़ल!
जवाब देंहटाएंसुंदर गजल..........
जवाब देंहटाएंकाश, लोगों को यही साथ निभाना ही आ जाये।
जवाब देंहटाएंकेवल जी नमस्ते !
जवाब देंहटाएंबहुत दिल से लिखा है कविराज ...
ऐसा हमेशा ही चलता रहे तो जिंदगी का सफर कितना खूबसूरत हो जायेगा. बहुत सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंवाह! केवल भाई वाह!
जवाब देंहटाएंउनकी यादों में बहुत कुछ सोचा है आपने.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.
वाह बहुत लाजवाब रचना, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम
गोया कालेज के ज़माने से ही अच्छा लिख लेते हैं आप ॥
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गज़ल्| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंलाजबाव गजल कही है
जवाब देंहटाएंकेवल राम भाई आभार!
केवल राम जी!
जवाब देंहटाएंगज़ल के फोर्मेट में लिखी यह कविता बड़ी अच्छी लगी!!
याद आएगी आपकी यह सूरत जीवन भर
जवाब देंहटाएंउतरकर दिल में केवल साथ निभाया करो
लाजवाब....
Lovely...It's beautifully written Ram:)
जवाब देंहटाएंSaru
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
जवाब देंहटाएंअधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
प्यार में भला बदलेंगे कैसे नहीं हम
जवाब देंहटाएंकमियाँ हैं जो जिन्दगी में , बतलाया करो.. sundar gazal...
प्यार में भला बदलेंगे कैसे नहीं हम
जवाब देंहटाएंकमियाँ हैं जो जिन्दगी में , बतलाया करो.. sundar gazal...
sundar yaar
जवाब देंहटाएंvery nice
college ke dino se hi expert the tum to yaar
@@sundar yaar
जवाब देंहटाएंvery nice
college ke dino se hi expert the tum to yaar
क्या करें भाई किसी पर नजर पड़ गयी थी लेकिन वह हमारी प्रेरणा बन गयी ..मिलना तो कभी उनसे हुआ नहीं लेकिन डायरी में संजो कर रख दिया उन यादों को, आज भी जो रह - रह कर दिल को सालती हैं....बाकी क्या कहूँ ....! हा....हा..हा..हा..!
तुम्हारे पास होने तक ही तो है मेरी दुनिया
जवाब देंहटाएंगर आये आँख में आंसू , उधार ले जाया करो
बहुत खूब! बधाई स्वीकारें!
लगता है कालेज में खूब गज़लें लिखी और सुनाई..... भाई, अब क्या हो गया?... अब भी लिखो न.
जवाब देंहटाएंतुम्हारे पास होने तक ही तो है मेरी दुनिया
जवाब देंहटाएंगर आये आँख में आंसू , उधार ले जाया करो
Khoob...Behtreen Gazal...
आपने बहुत ही खुबसूरत ग़ज़ल लिखी है | कॉलेज की कोई और ग़ज़ल हो तो वो भी लिख डालो, इंतजार रहेगा |
जवाब देंहटाएं........धन्यवाद् .......
वाह ... लाजवाब बात लिखी है ... और कालेज के दिनों की हो तो पता नहीं कितनी यादें साथ चली आती हैं ...
जवाब देंहटाएंकुछ तकनिकी समस्याएं
जवाब देंहटाएंऔर कुछ वक़्त की बंदिशें ,
आना होता है
हर बार बिलम्ब से मुझे,..........
केवल जी ! आपको स: परिवार विजय दशमी की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करता हूँ ,और बचपन की उपरोक्त रचना हेतु आभार ..........
सुन्दर भाव ... हार्दिक बधाई ..
जवाब देंहटाएं'प्यार में भला बदलेंगे कैसे नहीं हम
जवाब देंहटाएंकमियाँ हैं जो जिन्दगी में,बतलाया करो'
बहुत खूब ,केवल भाई.
यही तो जीवन का फलसफा है.
वाह! सुन्दर रचना....
जवाब देंहटाएंसादर बधाई..
केवल भाई के पुराने पन्नों की प्रेम... आशा है कि अभी भी उतनी ही तारो-ताज़ा होगी!
जवाब देंहटाएंआभार
आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
जवाब देंहटाएंकृपया पधारें
चर्चा मंच 659,चर्चाकार-दिलबाग विर्क
दशहरा पर्व की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ|
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुती केवल जी बधाई हो आपको आपका लेख भी पढ़ा मैंने दशहरे के बारे में जो आपने लिखा था नवभारत अखबार में आपको कटिंग भी मैंने मेल करी थी लक्ष्मी जी के आई डी से शायद आपको मिल गयी होगी
जवाब देंहटाएंआप सभी को दीपोत्सव(दीपावली) की अग्रिम शुभकामनाएं....
सभी मित्रों से अनुरोध है की अब मेरा ब्लाग फेसबुक पर भी है कृपया जरुर अनुसरण करे अगर आपको मेरा ब्लाग पसंद हो तो जरुर लाइक करें(फालो मी)लिंक नीचे है
मित्र-मधुर परिवार
MADHUR VAANI
MITRA-MADHUR
बहुत बढ़िया लिखा है आपने ! बेहतरीन प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार को दशहरे की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें !
आदरणीय NEELKAMAL VAISHNAW जी
जवाब देंहटाएंऔर LAXMI NARAYAN LAHARE जी आपका तहे दिल से आभारी हूँ ..आपने मुझे मेरे लेख की कटिंग मेल की .....! आशा है आपका सहयोग मुझे यूँ ही मिलता रहेगा .....!
प्यार में भला बदलेंगे कैसे नहीं हम
जवाब देंहटाएंकमियाँ हैं जो जिन्दगी में , बतलाया करो ...keval raam jee.....bahut sundar ,rachana .....
अंदाज़े-गजल बहुत खूब रही.. वाह !
जवाब देंहटाएंमरहम जख्मी दिल को है मिला चंद रोज
जवाब देंहटाएंशोला गर भड़क उठे ,पानी तुम गिराया करो
आदत है ही नहीं मुझे जाम पीने की
नजरों के पैमाने से पिलाया करो
behtreen laajwaab
peeni ho kabhi to hamse kaha karo,
un na kisi se tum fariyad kiya karo
jai hind jai bharat