याद
जब मोहब्बत की
दिल को सोंप दिया तुम्हें , सहज ही
और तब तुमने कहा ......
"बहुत याद आते हो तुम"
एक अजीब सा अहसास हुआ
आज जब जिन्दगी वीरान हो गयी
तुम्हारी याद तडपाती है
तुम तो हमेशा याद रहते हो
लेकिन ...........!
एक अरसा हो गया
खुद को याद किये .
हम और तुम
जब बंध रहे थे
जीवन के उस अप्रतिम रिश्ते में
किसने तोड़ी वह डोर ??
जिससे हम और तुम बंधे थे
अब जुदा हैं.....
साथ होते हुए भी
मोहब्बत
तन्हाई में
या भीड़ में
तुम यह ख्याल रखना
जब भी तुम्हारे हांथों की
खनकेगी वह कांच की चूड़ियाँ
समझ लेना
आज भी ...........
बेपनाह मोहब्बत है दिल में
तुम्हारे लिए .
जब मोहब्बत की
दिल को सोंप दिया तुम्हें , सहज ही
और तब तुमने कहा ......
"बहुत याद आते हो तुम"
एक अजीब सा अहसास हुआ
आज जब जिन्दगी वीरान हो गयी
तुम्हारी याद तडपाती है
तुम तो हमेशा याद रहते हो
लेकिन ...........!
एक अरसा हो गया
खुद को याद किये .
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
जुदाई
हम और तुम
जब बंध रहे थे
जीवन के उस अप्रतिम रिश्ते में
किसने तोड़ी वह डोर ??
जिससे हम और तुम बंधे थे
अब जुदा हैं.....
साथ होते हुए भी
xxxxxxxxxxxxxxxx
तन्हाई में
या भीड़ में
तुम यह ख्याल रखना
जब भी तुम्हारे हांथों की
खनकेगी वह कांच की चूड़ियाँ
समझ लेना
आज भी ...........
बेपनाह मोहब्बत है दिल में
तुम्हारे लिए .
मोहब्बत सच्चे दिल व मन से की जाये तो जुदाई की नौबत ही ना आये।
जवाब देंहटाएंवाह तीनों रचनाएं ही बढ़िया हैं.
जवाब देंहटाएंमोहब्बत में ऐसी भी हालत पाई जाती है !!!!!!!
जवाब देंहटाएंराम राम ! मोहब्बत और जुदाई का अंदाज निराला है आपका,केवल राम जी.
जवाब देंहटाएंसीता जी की खोज पूरी हुई क्या ?
सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई.
पावन पर्व सुखद अनुभूति ,आये जीवन में बार-२.....शुक्रिया जी /
जवाब देंहटाएंजब मोहब्बत की
जवाब देंहटाएंदिल को सोंप दिया तुम्हें , सहज ही
प्रेम की तस्वीर आपकी क्षणिका मे...बहुत सुंदर
khubsurat ahsas...
जवाब देंहटाएंआज भी ...........
जवाब देंहटाएंबेपनाह मोहब्बत है दिल में
तुम्हारे लिए
......क्षणिका दिल को छू रही है ....केवल भाई
मोहब्बत इक कर्ज़ है ऐसा जो चुकाये बने ना उठाये बने
जवाब देंहटाएंतेरी याद इक दर्द है ऐसा जो दबाये बने ना दिखाये बने
saari kshanikayen ati sundar....abhar
जवाब देंहटाएंगंभीर कविता.... दिवाली की हार्दिक शुभकामना !
जवाब देंहटाएंजब भी तुम्हारे हांथों की
जवाब देंहटाएंखनकेगी वह कांच की चूड़ियाँ
समझ लेना
आज भी ...........
बेपनाह मोहब्बत है दिल में
तुम्हारे लिए
सभी क्षणिकाएँ बहुत कोमल भाव लिए हुए
मुहब्बत मर नहीं सकती -सदैव जिन्दा रहती है !
जवाब देंहटाएंबधाई
मेरा ब्लॉग न खुल रहा हो तो अब मेरे नए लिंक का उपयोग करें -
बालाजी के लिए --www.gorakhnathbalaji.blogspot.com
OMSAI के लिए-- www.gorakhnathomsai.blogspot.com
रामजी के लिए --- www.gorakhnathramji.blogspot.com
बहुत खूब कहा है आपने ... ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर "मोहब्बत" जबर्दस्त्त लगी.
जवाब देंहटाएंमुकम्मल चित्रण... कभी टकटकी लगा कर तो कभी अखियाँ चुराकर दिल की बातों को समझा और समझाया जाता है !........सारे के सारे भाव उतर दिए है सर जी आपने ...भाव विभोरे कर दिया ! सुन्दर !!!!!
जवाब देंहटाएंयादों में डूबती उतराती मोहब्बत।
जवाब देंहटाएंवाह तीनों रचनाएं बहुत सुंदर हैं
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई.
समझ लेना
जवाब देंहटाएंआज भी ...........
बेपनाह मोहब्बत है दिल में
तुम्हारे लिए
..........गंभीर जुदाई का अंदाज
Very beautiful post, I like the way you divide them into categories...lovely!
जवाब देंहटाएंजय हो :)
जवाब देंहटाएंप्यार के लिए,यादे,जुदाई,मोहब्बत,तीनो चीजे जरूरी है
जवाब देंहटाएंवरना वो प्यार नहीं कहलाता...जज्बाती रचना..अच्छी पोस्ट....बधाई
गहरे अहसास।
जवाब देंहटाएं'मुहब्बत के नसीब में जुदाई लिखते वक्त खुदा भी रोया होगा... हम तो फिर भी इंसान हैं...'
किस रचना के लिए बधाई दूं....
जवाब देंहटाएंचलिए....
सभी के लिए बढ़ाई कुबूल karen....
बहुत सुन्दर रचना|
जवाब देंहटाएंआपको तथा आपके परिवार को दिवाली की शुभ कामनाएं!!!!
वाह क्या बात है ...बहुत भावपूर्ण रचना.
जवाब देंहटाएंकभी समय मिले तो http://akashsingh307.blogspot.com ब्लॉग पर भी अपने एक नज़र डालें .फोलोवर बनकर उत्सावर्धन करें .. धन्यवाद .
वाह क्या बात है । ब्बहुत सुन्दर। बधाई।
जवाब देंहटाएंज़ामे-मुहब्बत में,छलकती हैं
जवाब देंहटाएंरूबाइयां—यादों और जुदाई की.
बेपनाह मोहब्बत है दिल में
जवाब देंहटाएंतुम्हारे लिए . |
बहुत ही सुन्दर रचना!
@ जब मोहब्बत की
जवाब देंहटाएंदिल को सोंप दिया तुम्हें , सहज ही
और तब आपने कहा ......
एक बार तुम एक बार आप .....?
ये कन्फ्यूज क्यों है राम जी .....
@ लेकिन ...........!
एक अरसा हो गया
खुद को याद किये
तौबा !
हम याद दिला दें ....:))
@ किसने तोड़ी वह डोर ??
सच्च बताइए .....
आपने थोड़ी भी न खिंची थी ....:))
@ समझ लेना
आज भी ...........
बेपनाह मोहब्बत है दिल में
समझ लेगें .....
मतलब वो समझ लेंगी ......:))
हम और तुम
जवाब देंहटाएंजब बंध रहे थे
जीवन के उस अप्रतिम रिश्ते में
किसने तोड़ी वह डोर ??
जिससे हम और तुम बंधे थे
अब जुदा हैं.....
साथ होते हुए भी
आपके शब्दों के सहारे जीवन की सच्चाई इस प्रस्तुति में उतर आई है।
केवल जी,
जवाब देंहटाएंबहुत खूब.
मुहब्बत का यह रूप भी अच्छा लगा.
आपकी कलम के नए तेवरों का बेसब्री से इंतज़ार है.
मन के भावों की मस्त उड़ान ... यही तो मुहब्बत है ...
जवाब देंहटाएंयाद, जुदाई, मोहब्बत इन तीनो का अपना अलग रंग और अंदाज़ है, हर किसी का अपना अंदाज़....कहते भी हैं दर्द जब हद से गुज़र जाता है तो दवा बन जाता है... तीनो क्षणिकाएं एक निराले अहसास से भरी हैं...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर....
जवाब देंहटाएंकविता में आवेग है...
जवाब देंहटाएंआपका पोस्ट अच्छा लगा । .मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही खुबसूरत लिखा है ........
जवाब देंहटाएंतीनों रचनाएं ही बढ़िया हैं.....
mere shabd kam padenge aapke en raachnao ke liye... bahut khoob likha hai aapne
जवाब देंहटाएंबहुत निराला अंदाज़ ये मोहब्बत का होता
जवाब देंहटाएंहै कभी मिलन तो कभी जुदाई..
लेकिन सब में मज़ा है राम जी ...
जीवन पुष्प
www.mknilu.blogspot.com
सभी क्षणिकाएँ बहुत कोमल भाव लिए हुए|
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ बहुत सुन्दर है! सराहनीय प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएं.बहुत खुबसूरत अहसा्सो के साथ लिखी सुन्दर रचना..
जवाब देंहटाएंजब भी तुम्हारे हांथों की
जवाब देंहटाएंखनकेगी वह कांच की चूड़ियाँ
समझ लेना
आज भी ...........
बेपनाह मोहब्बत है दिल में
तुम्हारे लिए . वाह !!!पर ये सब है किस खुशनसीब के लिए ????
अब जुदा हैं.....
जवाब देंहटाएंसाथ होते हुए भी.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई.
क्या बात है, बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंसच कहा जाय तो जुदाई ही हमे मोहब्बत का सही मायने में अहसास कराती है , मगर हाँ ये जुदाई कुछ पल की हो ...........
जवाब देंहटाएंसभी शब्दचित्र बहुत अच्छे हैं!
जवाब देंहटाएंआपकी तीनो रचनाएँ बहुत खूबसूरती से लिखी..बधाई
जवाब देंहटाएंमेरे नए पोस्ट स्वागत है....
आपका पोस्ट अच्छा लगा ।मेरे नए पोस्ट पर आप आमंत्रित हैं । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंइश्वर का अनमोल तोहफा प्रेम और उसका अहसास अलौकिक .........सुंदर प्रस्तुति प्रेम की ही तरह ....
जवाब देंहटाएंaapke likhne ka andaaj bha gaya hame...
जवाब देंहटाएंsubhkaamnayen..
jai hind jai bharat
waha bahut khub
जवाब देंहटाएंpyar...dard...tanhaahi ka milajula samavesh......umdaa
Wah kaya baat hai bahut hi sundar.....
जवाब देंहटाएं