यूँ तो जुदा नहीं है कोई , किसी से जब तक है शम्मा , परवाना रहेगा आज उम्मीदों की शम्मा जला दो बस्ती में न कोई घर वीराना रहेगा... बेहतरीन भाव संयोजन ..आभार ।
आज उम्मीदों की शम्मा जला दो बस्ती में न कोई घर वीराना रहेगा...
बहुत खूबसूरत भाव... अपने साथ- साथ सारे जहां को रौशन कर दो वीराना कहीं नहीं रहेगा... हर तरफ आशा और ख़ुशी होगी... सब खुश तो हम खुश... उत्साह जगाती सुन्दर रचना... शुभकामनाएं
कविता/गजल का भाव जितना मार्मिक है शब्द संयोजन उतना ही सुन्दर. आप जिस विषय पर भी लिखते हैं मन को छू जाता है...... इतना कहना चाहता हूँ कि 'शम्मा' को 'शमा' लिखना ठीक होगा, जिसका अर्थ है मोमबत्ती या दीया. बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आभार !
वाह बहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंयूँ तो जुदा नहीं है कोई , किसी से
जवाब देंहटाएंजब तक है शम्मा , परवाना रहेगा
आज उम्मीदों की शम्मा जला दो
बस्ती में न कोई घर वीराना रहेगा...
बेहतरीन भाव संयोजन ..आभार ।
आज उम्मीदों की शम्मा जला दो
जवाब देंहटाएंबस्ती में न कोई घर वीराना रहेगा...
बहुत खूबसूरत भाव... अपने साथ- साथ सारे जहां को रौशन कर दो वीराना कहीं नहीं रहेगा... हर तरफ आशा और ख़ुशी होगी... सब खुश तो हम खुश... उत्साह जगाती सुन्दर रचना... शुभकामनाएं
उम्मीदों में ही सही , खुश जमाना रहेगा ...
जवाब देंहटाएंखुशनुमा खयाल !
आज उम्मीदों की शम्मा जला दो
जवाब देंहटाएंबस्ती में न कोई घर वीराना रहेगा
बहुत प्यारा लिखते हो ....
शुभकामनाएं !
वाह वाह बहुत सुन्दर भावों को संजोया है।
जवाब देंहटाएंनई उम्मीद ...नई सोच ...सही दिशा
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
बहुत खूब
जवाब देंहटाएंभाव के साथ शिल्प पक्ष भी शानदार
काफिया - रदीफ का खूबसूरत प्रयोग
सुंदर रचना के लिए बधाई स्वीकार करें
बहुत ही सुन्दर, सरल और सादगी भरी गज़ल!!
जवाब देंहटाएंआज उम्मीदों की शम्मा जला दो
जवाब देंहटाएंबस्ती में न कोई घर वीराना रहेगा
bahut khoob
....काबिलेतारीफ बेहतरीन
जवाब देंहटाएंवाह बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंआज उम्मीदों की शम्मा जला दो
जवाब देंहटाएंबस्ती में न कोई घर वीराना रहेगा
....सकारात्मक सोच लिये बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति...आभार
बहुत सटीक लिखा है आपने!
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
काश ऐसा ही हो...बहुत ही सुंदर भाव के साथ सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंBahut sundar!
जवाब देंहटाएंबदल दो सोच सब बदल जाएगा
जवाब देंहटाएंआशा में ख़ुशी का खजाना रहेगा ...बढ़िया है
बेहतरीन उम्मीदों के साथ बेहतरीन रचना।
जवाब देंहटाएंआज उम्मीदों की शम्मा जला दो
जवाब देंहटाएंबस्ती में न कोई घर वीराना रहेगा
उम्मीदों पर दुनिया कायम है ....
सुंदर भावो से लिखी सभी के लिये दुआये करती
जवाब देंहटाएंआशा जगाति बेहतरीन रचना है...
दुआ तो यही है कि कोई घर विराना ना रहे पर जब तक कुछ वीरान न हो, महफ़िलों की इज्ज़त नहीं होती..
जवाब देंहटाएंज़िन्दगी है.. २ पहलू हैं.. और हम हैं! :)
प्यार में फर्क पर आपके विचार ज़रूर दें..
वाह ....बहुत ही सुन्दर विचार
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर और रोचक वर्णन किये हैं .. नव वर्ष की ढेर सारी बधाइयाँ |
जवाब देंहटाएंहम ने अपनी सोच बदल दी केवल राम जी:)
जवाब देंहटाएंकविता/गजल का भाव जितना मार्मिक है शब्द संयोजन उतना ही सुन्दर. आप जिस विषय पर भी लिखते हैं मन को छू जाता है...... इतना कहना चाहता हूँ कि 'शम्मा' को 'शमा' लिखना ठीक होगा, जिसका अर्थ है मोमबत्ती या दीया.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति के लिए आभार !
आदरणीय सुबीर रावत जी आपका तहे दिल से धन्यवाद ....इस तरफ ध्यान दिलाने के लिए ....आशा है आपका मार्गदर्शन यूँ ही बना रहेगा ....!
जवाब देंहटाएंअच्छी गज़ल बन पड़ी है....आशा रखेंगे तो ज़रूर हल निकलेगा !
जवाब देंहटाएंकेवल राम जी नमस्ते ..
जवाब देंहटाएंउम्मीदों और आशाओं को शब्दों में खूब पिरोया है आपने ..
मकर सक्रांति पर्व की अग्रिम शुभकामनाएं .... प्रदीप
आज उम्मीदों की ज्योति जला दो
जवाब देंहटाएंबस्ती में न कोई घर वीराना रहेगा
आखिर,आपने उम्मीद का दिया जला
ही दिया मेरे ब्लॉग पर आकर.
बहुत बहुत आभार,केवल राम जी.
आपकी दुआ मान ली जाये तो बात ही बन जाये।
जवाब देंहटाएंकोई लफ़डा ना रहे जमाना खुश रहे।
आशा का दीप जला कर रखिए
जवाब देंहटाएंआज तो कमाल का काफ़िया मिलाया है।
बहुत बढ़िया लिखा है |
जवाब देंहटाएंबहुत खूब..
जवाब देंहटाएंजाने कैसे आपका ब्लॉग फोलो होना बंद हो गया था..
शुभकामनाएँ.
बदल दो सोच सब बदल जाएगा
जवाब देंहटाएंआशा में ख़ुशी का खजाना रहेगा
बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति....
आज उम्मीदों की ज्योति जला दो
जवाब देंहटाएंबस्ती में न कोई घर वीराना रहेगा
बहुत ख़ूब
http://savanxxx.blogspot.in